भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ अब सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि सटीक वार होगा। ऑपरेशन सिंदूर नाम के इस बेहद गोपनीय मिशन में भारतीय वायुसेना ने राफेल लड़ाकू विमानों का प्रयोग करते हुए पाकिस्तान के अंदर 100 किलोमीटर तक घुसपैठ कर आतंक के ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया।
क्यों हुआ ऑपरेशन सिंदूर?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। इसके बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को मिली खुफिया जानकारी से पता चला कि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों ने पाकिस्तानी जमीन पर कैंप बनाकर हमलावरों को ट्रेनिंग दी थी।
कैसे हुआ हमला? – राफेल विमानों की निर्णायक भूमिका
- ऑपरेशन में पहली बार राफेल लड़ाकू विमानों का सैन्य उपयोग हुआ।
- विमानों ने बहावलपुर, मुरिदके, गुलपुर, सियालकोट और कोटली के कैंपों को निशाना बनाया।
- इन जगहों पर आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती थी – वहीं से मुंबई हमलों के गुनहगार निकले थे।
- ऑपरेशन का पूरा नेतृत्व तीनों सेनाओं की संयुक्त कमान ने किया।
राफेल की ताकत – भारत के सैन्य इतिहास में नया अध्याय
- राफेल विमान अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम, सर्जिकल सटीकता और रियल-टाइम इंटेलिजेंस से लैस हैं।
- 2020 में वायुसेना में शामिल हुए ये विमान अब भारत की सामरिक क्षमताओं की रीढ़ बन गए हैं।
- ऑपरेशन सिंदूर के तहत इनका सफल उपयोग भविष्य की रणनीतियों की दिशा तय करता है।
किन ठिकानों पर हुई कार्रवाई?
स्थान | संगठन | स्थिति |
---|---|---|
बहावलपुर | जैश-ए-मोहम्मद | मुख्य ट्रेनिंग सेंटर |
मुरिदके | लश्कर-ए-तैयबा | रणनीतिक अड्डा |
गुलपुर | जैश व लश्कर दोनों | सामूहिक प्रशिक्षण स्थल |
सियालकोट | लश्कर के कैडर हब | तबाह |
कोटली, मुज़फ्फराबाद | जैश के कैम्प | पूर्ण रूप से नष्ट |
भारत का यह मिशन केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक राजनयिक संदेश भी है। यह स्पष्ट है कि भारत अब ‘आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर पूरी सख्ती से अडिग है।
- यूएन, अमेरिका, फ्रांस जैसे देशों ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को उचित ठहराया है।
- पाकिस्तान ने दो भारतीय विमानों के गिराए जाने का दावा किया, जिसे भारत ने खारिज कर दिया।