नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच आज शनिवार को 6 सीमावर्ती राज्यों में ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। इस ड्रिल का मुख्य उद्देश्य आम लोगों को हवाई हमलों और आपात स्थिति में सुरक्षित रहने की ट्रेनिंग देना है। यह मॉक ड्रिल जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और चंडीगढ़ के सीमावर्ती जिलों में आयोजित की जा रही है।
‘ऑपरेशन शील्ड’ एक सिविल डिफेंस पहल है, जिसके तहत लोगों को युद्ध जैसी स्थिति में खुद को और अपने आसपास के लोगों को बचाने के लिए तैयार किया जाता है। ड्रिल के दौरान हवाई हमले की स्थिति का अनुकरण किया जाएगा, जिसमें सायरन बजाए जाएंगे और कुछ समय के लिए ब्लैकआउट लागू किया जाएगा। इस दौरान इन्वर्टर, सोलर लाइट, मोबाइल की टॉर्च और वाहनों की लाइट जलाने पर भी पाबंदी रहेगी। लोगों को अपनी खिड़कियों के पर्दे बंद रखने और किसी भी तरह की रोशनी बाहर न निकलने देने की सलाह दी गई है।
यह मॉक ड्रिल पहले 29 मई को होनी थी, लेकिन प्रशासनिक कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया था। प्रशासन ने अब सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं और लोगों को पहले ही इसकी जानकारी दे दी गई है ताकि किसी तरह का पैनिक न हो। ड्रिल के दौरान सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को शांत तरीके से बुलाया जाएगा और इवैकुएशन ड्रिल के साथ-साथ आपसी संवाद के तरीकों पर भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पिछले महीने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत ने 6-7 मई की रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत पर हमले किए, जिसका भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया। अल जजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान दोनों पक्षों में भारी गोलीबारी हुई, जिसमें पाकिस्तान में 26 लोगों की मौत और 46 के घायल होने की खबर है, जबकि भारत ने कहा कि पाकिस्तानी गोलीबारी में 8 लोग मारे गए।
सीमावर्ती इलाकों में हवाई हमले और ड्रोन हमलों का खतरा ज्यादा होता है। ब्लैकआउट का उद्देश्य दुश्मन के लिए रिहाइशी इलाकों को पहचानना मुश्किल बनाना है। 2019 के जर्नल ऑफ डिफेंस स्टडीज में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, ब्लैकआउट जैसी सावधानियां हवाई बमबारी के दौरान नागरिक हताहतों को 40% तक कम कर सकती हैं।
हाल ही में 25 मई को खबरें आई थीं कि पाकिस्तान ने भारत की वायु रक्षा प्रणाली को परखने के लिए 300-400 तुर्की निर्मित ड्रोनों का इस्तेमाल किया। हालांकि, इन दावों की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है और इस तरह की खबरों को लेकर भ्रामक जानकारी का खतरा भी बना हुआ है। फिर भी, सीमा पर तनाव को देखते हुए भारत सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है।
‘ऑपरेशन शील्ड’ के जरिए सरकार का मकसद न केवल लोगों को आपात स्थिति के लिए तैयार करना है, बल्कि सिविल डिफेंस सिस्टम को मजबूत करना भी है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे इस ड्रिल में सक्रिय रूप से भाग लें और किसी भी तरह की अफवाहों से बचें।