नई दिल्ली: भारत ने हाल ही में संपन्न हुए ऑपरेशन सिंदूर को एक ऐतिहासिक सैन्य जीत के रूप में दर्ज किया है। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 भारतीय नागरिक, ज्यादातर हिंदू पर्यटक, मारे गए थे। हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी, जो पाकिस्तान की ISI समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक हिस्सा है।
ऑपरेशन सिंदूर: चार दिनों में निर्णायक कार्रवाई
7 मई 2025 को शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के ठिकानों पर सटीक हमले किए। इस दौरान नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय और प्रशिक्षण शिविर शामिल थे। चार दिनों की तेज कार्रवाई के बाद, 10 मई को भारत ने इसे “फायरिंग रोक” करार दिया, लेकिन सैन्य नेताओं ने इसे “सीजफायर” कहने से परहेज किया। इसे एक रणनीतिक ठहराव के रूप में देखा जा रहा है, जो भारत की सैन्य श्रेष्ठता को दर्शाता है।
जॉन स्पेंसर ने की सराहना
आधुनिक युद्ध के विशेषज्ञ और मॉडर्न वॉर इंस्टीट्यूट के शहरी युद्ध अध्ययन के अध्यक्ष जॉन स्पेंसर ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की “निर्णायक जीत” बताया। उन्होंने कहा, “यह न केवल एक ठहराव है, बल्कि एक दुर्लभ और स्पष्ट सैन्य जीत के बाद रणनीतिक नियंत्रण का प्रदर्शन है।” स्पेंसर ने इसे भारत की नई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का हिस्सा बताते हुए कहा कि यह आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश है।
प्रधानमंत्री मोदी का कड़ा रुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, “भारत अब परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा। आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आतंकी हमलों को अब युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। पीएम ने इसे भारत की नई सुरक्षा नीति का हिस्सा बताते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकी ढांचे को नष्ट किया, बल्कि भारत की संप्रभुता और सैन्य ताकत को भी प्रदर्शित किया।
ऑपरेशन सिंदूर ने कई रणनीतिक लक्ष्यों को हासिल किया
नई लाल रेखा के तहत पाकिस्तान से होने वाले आतंकी हमलों को अब सैन्य बल से जवाब दिया जाएगा। स लड़ाई के दौरान भारत ने पाकिस्तान के किसी भी लक्ष्य पर हमला करने की अपनी क्षमता दिखाई, जबकि पाकिस्तान भारत में एक भी क्षेत्र में घुसपैठ नहीं कर सका। इस दौरान नियंत्रित कार्रवाई के जरिए भारत ने यह स्पष्ट किया कि वह जवाब देगा और स्थिति को नियंत्रित करेगा।
इस दौरान भारत ने इस संकट को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के बिना अपने दम पर संभाला। 8 मई को पाकिस्तान ने ड्रोन हमलों के जरिए जवाब देने की कोशिश की, लेकिन भारत की स्वदेशी, इजरायली और रूसी तकनीक से लैस वायु रक्षा प्रणाली ने इन हमलों को नाकाम कर दिया। इसके बाद 9 मई को भारत ने छह पाकिस्तानी सैन्य हवाई ठिकानों और ड्रोन समन्वय केंद्रों पर हमले किए।
हालांकि ऑपरेशन सिंदूर को अभी पूरी तरह समाप्त नहीं घोषित किया गया है, लेकिन इसने भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को मजबूत किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह ऑपरेशन भारत-पाकिस्तान संबंधों और दक्षिण एशिया की भू-राजनीति पर गहरा प्रभाव डालेगा। ऑपरेशन ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता को दिखाया, बल्कि देश में जनता का मनोबल भी बढ़ाया है।