Asaduddin Owaisi Bihar visit 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सियासी गलियारों में हलचल तेज होती जा रही है। हर दल अपने वोट बैंक को मजबूत करने में जुटा है और अब मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी चुनावी मैदान में पूरी ताकत झोंक दी है। ओवैसी 5 अक्टूबर से तीन दिवसीय बिहार दौरे पर आ रहे हैं, जो पार्टी के लिए रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है।ओवैसी का यह दौरा खासकर सीमांचल और मिथिलांचल की सियासत को नई दिशा देने वाला हो सकता है, क्योंकि यही वो इलाका है जहां AIMIM ने पिछले विधानसभा चुनावों में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया था। पार्टी अब इस जनाधार को और व्यापक करने की तैयारी में है।
इलेक्शन कमीशन की बड़ी समीक्षा बैठक.. चुनावी तारीखों का काउंटडाउन शुरू !
ओवैसी का दौरा कल सुबह 9 बजे बागडोगरा एयरपोर्ट से शुरू होगा, जहां से वे सीधे किशनगंज रवाना होंगे। बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र में सुबह 11 बजे वे एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। यह सभा न सिर्फ आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर AIMIM की ताकत दिखाने का मौका होगी, बल्कि सीमांचल में मुस्लिम मतदाताओं को जोड़ने की दिशा में एक अहम कदम भी साबित हो सकती है।सभा के बाद ओवैसी दरभंगा जाएंगे, जहां 6 अक्टूबर को वे जाले और केवटी विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इन बैठकों में उम्मीदवार चयन और स्थानीय मुद्दों पर आधारित प्रचार रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।
7 अक्टूबर को ओवैसी वैशाली जिले के महुआ विधानसभा क्षेत्र का दौरा करेंगे, जहां उनका राजनीतिक कार्यक्रम सबसे अधिक सुर्खियों में है। यहां राजद के पूर्व विधायक बच्चा राय AIMIM में शामिल होंगे। बच्चा राय की एंट्री पार्टी के लिए बड़ी राजनीतिक उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि इससे AIMIM को वैशाली और आसपास के जिलों में एक मजबूत सामाजिक-राजनीतिक आधार मिल सकता है।
ओवैसी के इस दौरे से साफ है कि AIMIM बिहार की राजनीति में एक बार फिर चर्चा के केंद्र में आ गई है। बच्चा राय की एंट्री और सीमांचल में बढ़ती सक्रियता से पार्टी का ग्राफ ऊपर जा सकता है। अब देखना दिलचस्प होगा कि यह रणनीति बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के समीकरणों को कितना बदल पाती है।






















