जोकीहाट विधानसभा सीट (Owaisi Jokihat Speech) पर इस बार सियासी संग्राम अपने चरम पर है। बिहार चुनाव में सीमांचल की यह सीट फिर से सुर्खियों में है, जहां मंगलवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी चुनावी सभा में तीखे तेवर दिखाए। ओवैसी ने भीड़ से संवाद करते हुए जोकीहाट को सीमांचल की सियासत का “दिल” बताया और मुस्लिम वोटरों से अपील की कि वे अबकी बार “अपनों को चुनें” न कि उन दलों को जो वर्षों से वादों के नाम पर सिर्फ भरोसे का सौदा करते आए हैं।
ओवैसी ने अपने भाषण में राजद गठबंधन, जन सुराज और एनडीए—तीनों पर एक साथ हमला बोला। उन्होंने कहा कि वे तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी को “नेता” नहीं मानते क्योंकि तीनों ने सीमांचल को हाशिये पर धकेलने का काम किया है। ओवैसी ने तेजस्वी यादव द्वारा उन्हें “चरमपंथी” कहे जाने पर पलटवार करते हुए कहा कि “सीमांचल की जनता इस अपमान का जवाब वोट से देगी।”
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AIMIM प्रमुख ने जन सुराज के प्रशांत किशोर को भी नहीं बख्शा। उन्होंने कहा कि “आज जो नैतिकता की बात करते हैं, वे वही व्यक्ति हैं जिन्होंने मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए प्रचार रणनीति तैयार की थी।” ओवैसी ने जेडीयू प्रत्याशी मंजर आलम पर भी सीधा हमला किया और पूछा कि “जो सरकार वक्फ कानून के खिलाफ कदम उठाए, क्या ऐसे लोगों का साथ दिया जा सकता है?”
उन्होंने आगे कहा, “मंजर साहब, अगर कोई मस्जिद छीन ले तो क्या आप चुप रहेंगे? वक्फ का मालिक अल्लाह है, और जो इसके खिलाफ कानून लाता है, वह मुसलमानों का नहीं हो सकता।” ओवैसी के इस बयान पर सभा में तालियों की गड़गड़ाहट गूंजी।
सभा के अंत में उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि “सीमांचल का बेटा मुख्यमंत्री बने”, यह सिर्फ एक नारा नहीं बल्कि सीमांचल की दशकों की उपेक्षा के खिलाफ जनता की आवाज है। इससे पहले AIMIM नेता मुर्शिद आलम ने भी भीड़ को संबोधित किया और पार्टी उम्मीदवार के लिए समर्थन मांगा।






















