श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले की जांच में तेजी आ गई है। जांच एजेंसियों ने चश्मदीदों से पूछताछ के बाद हमले में शामिल तीन आतंकियों के स्केच जारी किए हैं। यह हमला बाइसरण मीडो में हुआ था, जिसमें 28 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले को 2019 में पुलवामा हमले के बाद क्षेत्र का सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है। जांच में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने घटनास्थल का दौरा किया और चश्मदीदों के बयानों के आधार पर तीन आतंकियों की पहचान करने की कोशिश की है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हमले में छह आतंकियों ने हिस्सा लिया था, जिन्होंने सेना की वर्दी पहनकर इस वारदात को अंजाम दिया। जारी किए गए स्केच में आतंकियों को पारंपरिक कपड़ों और हथियारों के साथ दिखाया गया है। जांच एजेंसियों ने आतंकियों के कोडनेम भी सामने रखे हैं, जो “मूसा, यूनुस और आसिफ” बताए जा रहे हैं। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा की स्थानीय शाखा द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। एक चश्मदीद, जो महाराष्ट्र के नागपुर से आए एक पर्यटक हैं, ने बताया, “हमले के वक्त हम बाइसरण मीडो में थे। अचानक गोलीबारी शुरू हो गई। हमने पीछे मुड़कर नहीं देखा और किसी तरह अपनी जान बचाकर भागे।”
चश्मदीदों के बयानों से यह भी पता चला है कि आतंकियों ने धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाया और कुछ लोगों को कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया। जांच एजेंसियों ने इलाके में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। भारतीय सेना के चिनार कोर ने एक ट्वीट में जानकारी दी कि बारामूला में एक अन्य ऑपरेशन के दौरान दो आतंकियों को मार गिराया गया है और घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया गया है। इस ऑपरेशन में भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जो हमले के बाद पहलगाम पहुंचे थे, ने पीड़ितों के परिजनों और बचे हुए लोगों से मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि हमले के दोषियों को सजा जरूर मिलेगी। इस बीच, सुरक्षा बलों ने पूरे कश्मीर में हाई अलर्ट जारी कर दिया है, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके। यह हमला 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद क्षेत्र में बढ़ते तनाव का एक और उदाहरण बन गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आतंकी संगठन पर्यटक स्थलों को निशाना बनाकर क्षेत्र में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। जांच एजेंसियां अब स्केच के आधार पर आतंकियों की तलाश में जुटी हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस मामले में बड़ी सफलता मिल सकती है।