श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 26 से 28 पर्यटकों की मौत हो गई, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल थे। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा की सहयोगी संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ ने ली है। अब इस हमले को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, जिसमें सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इस हमले में पाकिस्तानी सेना के विशेष बल SSG (स्पेशल सर्विस ग्रुप) कमांडो शामिल थे? साथ ही, सोशल मीडिया और रक्षा विशेषज्ञों के बीच इजरायल की तरह सख्त जवाबी कार्रवाई की मांग तेज हो रही है।
हमले में पाकिस्तानी SSG कमांडो की भूमिका?
जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी शेष पॉल वैद ने इस हमले को ‘पुलवामा 2’ करार देते हुए दावा किया है कि हमलावर आतंकवादी नहीं, बल्कि पाकिस्तानी सेना के SSG कमांडो थे, जो आतंकवादियों के भेष में थे। वैद ने कहा, “यह हमला सुनियोजित था। कुछ दिन पहले पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने ‘जिहाद’ की भाषा का इस्तेमाल किया था, और अब यह हमला उसी तरह का दिखता है।” खुफिया सूत्रों के अनुसार, इस हमले की साजिश पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के रावलकोट में रची गई थी, जिसके मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद थे। कसूरी कुख्यात आतंकी हाफिज सईद का करीबी सहयोगी माना जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमले में चार से छह आतंकवादी शामिल थे, जिनमें से कुछ हाल ही में सीमा पार से घुसपैठ करके कश्मीर घाटी में दाखिल हुए थे। हमले के बाद से सुरक्षा बलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है, जिसमें हेलिकॉप्टरों की मदद भी ली जा रही है। हमलावरों की पहचान के लिए स्केच जारी किए गए हैं, जिनमें से दो की पहचान स्थानीय कश्मीरी आतंकवादियों के रूप में हुई है।
इजरायल-हमास हमले से क्यों हो रही तुलना?
सोशल मीडिया पर पहलगाम हमले की तुलना 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास के हमले से की जा रही है। उस हमले में हमास आतंकियों ने एक म्यूजिक फेस्टिवल में शामिल निहत्थे इजरायली नागरिकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं। पहलगाम हमले में भी आतंकियों ने बाइसारन घाटी में पर्यटकों को निशाना बनाया, जो एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि हमलावरों ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और फिर गोली मार दी। कुछ मामलों में टूरिस्टों के कपड़े उतारकर उनके निजी अंगों की जांच करने के बाद हत्या करने की बात भी सामने आई है, जो हमास की रणनीति से मिलती-जुलती है।
इजरायल की तरह जवाबी कार्रवाई की मांग
हमले के बाद देशभर में गुस्सा देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोग इजरायल की तरह सख्त जवाबी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पूर्व डीजीपी वैद ने कहा, “इजरायल ने हमास के हमले का जवाब जिस तरह दिया, भारत को भी उसी तरह जवाब देना चाहिए। यह समय सख्त कार्रवाई का है।” हालांकि, रक्षा विशेषज्ञ यूसुफ उंझावाला ने इस मांग पर सतर्कता बरतने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, “भारत की स्थिति इजरायल से अलग है। हमास एक राष्ट्र नहीं है, लेकिन पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं। इजरायल का युद्ध डेढ़ साल से चल रहा है, लेकिन भारत को जवाब देने से पहले सैन्य और राजनीतिक परिणामों पर विचार करना होगा।”
भारत की प्रतिक्रिया क्या होगी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने हमले की कड़ी निंदा की है और दोषियों को कड़ी सजा देने का वादा किया है। शाह ने कहा, “इस कायरतापूर्ण हमले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।” दूसरी ओर, खुफिया एजेंसियां और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस मामले की गहन जांच कर रही हैं। हमले के बाद पहलगाम में तालाबंदी कर दी गई है और स्थानीय संगठनों ने बुधवार को बंद का आह्वान किया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी हमले की निंदा की है। ईरान और इजरायल ने इसे “जघन्य आतंकी अपराध” करार देते हुए भारत के प्रति संवेदना व्यक्त की है। अब सबकी नजरें भारत की जवाबी कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या भारत सर्जिकल स्ट्राइक या हवाई हमले जैसे कदम उठाएगा, या फिर कूटनीतिक रास्ता चुनेगा? यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।