श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। पर्यटन के लिए मशहूर पहलगाम की बाइसरण घाटी में हुए इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने देशवासियों से माफी मांगी और इसे ‘कश्मीरियत’ पर हमला करार दिया। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अपील की कि हमले के दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर सख्त सजा दी जाए।
“कश्मीरियत पर हमला, हम शर्मिंदा हैं”- महबूबा मुफ्ती
महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भावुक होते हुए कहा, “जो हमला कल पहलगाम में हुआ, वो सिर्फ मासूम पर्यटकों पर नहीं, बल्कि हमारी तहजीब और पहचान यानी ‘कश्मीरियत’ पर हमला है। यह कायराना हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मैं पूरे देश से इसके लिए माफी मांगती हूं। कश्मीर शर्मिंदा है।” उन्होंने आगे कहा, “लोग यहां सुकून के दो पल बिताने आते हैं। इस हमले ने न सिर्फ उनकी जिंदगियां छीनीं, बल्कि कश्मीर की उस छवि को भी धक्का पहुंचाया है, जो हम सालों से बना रहे थे।”
अमित शाह से सख्त कार्रवाई की अपील
महबूबा मुफ्ती ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जो बुधवार को घटनास्थल का दौरा करने पहलगाम पहुंचे थे, से अपील की कि इस हमले के दोषियों की जल्द से जल्द पहचान कर उन्हें कड़ी सजा दी जाए। उन्होंने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह से मैं अपील करती हूं कि इस हमले में शामिल लोगों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और उन्हें ऐसी सजा दी जाए कि भविष्य में कोई ऐसी घटना दोहराने की हिम्मत न करे।” महबूबा ने जांच की मांग करते हुए कहा कि इस हमले के पीछे कौन लोग जिम्मेदार हैं, यह सामने आना चाहिए।
“कश्मीर की जनता आतंक के खिलाफ”
महबूबा ने यह भी जोड़ा कि कश्मीर की आम जनता इस तरह की हिंसा के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “यहां के लोग शांति चाहते हैं। इस हमले से टूरिस्ट डरकर वापस जा रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों को आर्थिक नुकसान होगा। कश्मीर की जनता आतंक के इस स्वरूप को स्वीकार नहीं करती। हम चाहते हैं कि कश्मीर फिर से अमन और शांति की मिसाल बने।”
पहलगाम हमले की भयावहता
मंगलवार को पहलगाम के बाइसरण मीडोज में आतंकियों ने स्वचालित हथियारों से हमला किया, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई। मरने वालों में ज्यादातर पर्यटक थे, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल थे। इस हमले में तीन केरल हाई कोर्ट के जज बाल-बाल बचे। हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन सुरक्षाबलों ने इलाके में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
वैश्विक नेताओं ने की निंदा
इस हमले की निंदा देश-विदेश में हो रही है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूरोपीय यूनियन की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने इस हमले की कड़ी निंदा की। पुतिन ने इसे “क्रूर अपराध” करार देते हुए कहा कि इसके दोषियों को सजा जरूर मिलनी चाहिए। ट्रंप ने कहा, “अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है।” पहलगाम, जिसे ‘स्विट्जरलैंड ऑफ इंडिया’ कहा जाता है, पिछले कुछ सालों में पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय हुआ था। हाल के वर्षों में कश्मीर में टूरिज्म को बढ़ावा देने की कोशिशें तेज हुई थीं, लेकिन इस हमले ने एक बार फिर घाटी की छवि को धक्का पहुंचाया है। महबूबा मुफ्ती ने इस बात पर चिंता जताई कि इस घटना से कश्मीर के टूरिज्म और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब कश्मीर में हिंसा की घटनाओं में कमी देखी जा रही थी। इससे पहले जून 2024 में हिंदू तीर्थयात्रियों की बस पर हमला हुआ था, जिसमें 9 लोगों की मौत हुई थी। पहलगाम हमले के बाद एक बार फिर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय लोगों और नेताओं ने सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। इस हमले ने न सिर्फ कश्मीर की शांति को भंग किया है, बल्कि पूरे देश में एकता और सुरक्षा के सवालों को फिर से हवा दे दी है। जांच और सर्च ऑपरेशन जारी हैं, और देश इस मुश्किल घड़ी में कश्मीर के साथ खड़ा है।