करनाल, हरियाणा: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता राकेश नरवाल ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए सरकार पर पूरा भरोसा जताया है। 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसारन मीडो में हुए इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिसमें दो विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। यह हमला हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में हुए सबसे घातक हमलों में से एक माना जा रहा है।
राकेश नरवाल ने करनाल में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “सरकार अपना काम अच्छे से कर रही है और मुझे पूरा भरोसा है कि वे अपना काम अच्छे से करेंगे। जो कुछ भी हुआ वह बहुत दुखद है… पूरा देश मेरे साथ खड़ा है। विनय बहुत होनहार और केयरिंग था, वह बहादुर की तरह शहीद हुआ है… हमारे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है, लेकिन मैं अकेला नहीं हूं, पूरा देश मेरे साथ है।” इस दौरान राकेश नरवाल भावुक हो गए, और उनके साथ मौजूद परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों ने भी इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया।
26 वर्षीय लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, जो दो साल पहले भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे और कोच्चि में तैनात थे, हाल ही में 16 अप्रैल 2025 को शादी के बंधन में बंधे थे। उनकी शादी के बाद यह उनकी पहली छुट्टी थी, और वह अपनी पत्नी हिमांशी के साथ पहलगाम घूमने गए थे। परिवार के अनुसार, विनय ने पहले स्विट्जरलैंड जाने की योजना बनाई थी, लेकिन अनुमति न मिलने के कारण उन्होंने कश्मीर की यात्रा का फैसला किया था। इस हमले ने उनके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।
पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट ने ली है। इस हमले में 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की मौत हुई, जबकि 17 अन्य घायल हुए। हमले के बाद भारत सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं, जिसमें इंडस वाटर ट्रीटी को निलंबित करना और अटारी पोस्ट को बंद करना शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “भारत हर आतंकी और उनके समर्थकों को ढूंढकर सजा देगा।”
विनय नरवाल का जन्म करनाल के भुसली गांव में हुआ था, लेकिन उनका परिवार करीब 15 साल पहले करनाल शहर के सेक्टर 7 में शिफ्ट हो गया था। उनकी शहादत ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना के बाद देशभर में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और गुस्से की लहर देखी जा रही है।