इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने गुरुवार को दावा किया कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी भारत के इशारे पर काम कर रहे हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है, जब बुधवार को बलूचिस्तान के खुजदार जिले में एक आर्मी स्कूल की बस पर हुए आतंकी हमले में तीन बच्चों समेत पांच लोग मारे गए थे। पाकिस्तान ने इस हमले के लिए भी भारत को जिम्मेदार ठहराया है।
ख्वाजा आसिफ ने कहा, “हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं, जो साबित करते हैं कि ये संगठन भारत के इशारे पर काम कर रहे हैं। हम अपने दावों के समर्थन में सबूत पेश करेंगे।” हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत की ओर से पाकिस्तान पर लगाए जा रहे आरोपों में कोई दम नहीं है। जानकारों का मानना है कि यह बयान पहलगाम आतंकी हमले से ध्यान भटकाने की कोशिश है, जिसमें 22 अप्रैल 2025 को 26 पर्यटकों को धर्म पूछकर मार डाला गया था। इस हमले के लिए भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया था।
पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद को पनाह देने के लिए कुख्यात रहा है। भारत पर हमले के लिए आतंकी संगठनों को पालना उसकी ‘ब्लीड इंडिया विद थाउजेंड कट्स’ नीति का हिस्सा रहा है। इसी नीति के तहत वह लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे खूंखार आतंकी संगठनों को समर्थन देता रहा है। इन संगठनों पर भारत ने हाल ही में बड़ा हमला बोला था। 6-7 मई 2025 की रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने इनके ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें करीब 100 आतंकी मारे गए और 9 आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए गए। इस ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय मार्कज तैबा के इंचार्ज मुअद्सर खादियान खास उर्फ अबू जुंदल और जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के साले हाफिज मुहम्मद जमील समेत कई बड़े आतंकी मारे गए थे।
पाकिस्तान की इस नई रणनीति को विशेषज्ञ उसकी बौखलाहट का नतीजा मान रहे हैं। माना जा रहा है कि पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकी देश की छवि बनने से परेशान पाकिस्तान अब भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। उसने अपने ही पाले तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों के हमलों को भारत से जोड़कर एक नया प्रोपेगेंडा शुरू किया है।
पाकिस्तान ने पहलगाम हमले की निंदा तो की, लेकिन उसने भारत पर क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने का आरोप भी लगाया। दूसरी ओर, भारत ने इस हमले के बाद कड़े कदम उठाते हुए इंडस वाटर ट्रीटी को निलंबित कर दिया, पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित किया और सीमाओं को बंद कर दिया।
इस घटनाक्रम ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को और गहरा कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर अब इस बात पर है कि यह तनाव आगे किस दिशा में जाएगा।