बहावलपुर : पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के कुख्यात आतंकवादी मौलाना अब्दुल अजीज एसार की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई है। मंगलवार को उसका शव मिलने की खबर सामने आई, जिसके बाद जैश से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट्स पर दावा किया गया कि उसकी मौत गोली लगने से नहीं हुई। हालांकि, मौत के सही कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो सका है।
मौलाना अब्दुल अजीज पिछले महीने एक भारत विरोधी रैली में शामिल हुआ था, जहां उसने भारत को “सोवियत संघ की तरह टुकड़े करने” की धमकी दी थी। वह लंबे समय से भारत के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी और जैश के लिए आतंकियों की भर्ती करने में सक्रिय था। सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को सुबह उसके सहयोगी को उसका शव मिला। आज बहावलपुर में जैश के मुख्यालय में उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा, जिसमें संगठन के कई बड़े नेता शामिल हो सकते हैं।
अब्दुल अजीज की मौत की परिस्थितियां अभी स्पष्ट नहीं हैं। पाकिस्तानी अधिकारियों या जैश के शीर्ष नेतृत्व ने इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, जिसके चलते यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या उसकी मौत वाकई में हुई है या यह ऑनलाइन फैलाई जा रही अफवाह है। हालांकि, जैश के एन्क्रिप्टेड सोशल मीडिया अकाउंट्स पर उसकी मौत की पुष्टि की गई है।
अब्दुल अजीज की मौत ऐसे समय में हुई है, जब भारत द्वारा हाल ही में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ बड़ा प्रहार किया है। भारत का दावा है कि इस ऑपरेशन में करीब 100 आतंकियों को मार गिराया गया और 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। बहावलपुर उन 9 स्थानों में से एक है, जहां भारत ने कथित तौर पर सटीक हमले किए थे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान में कई आतंकियों की रहस्यमयी मौतें हो रही हैं, हालांकि भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने इन मौतों की जिम्मेदारी नहीं ली है।
जैश-ए-मोहम्मद एक पाकिस्तानी आतंकी संगठन है, जिसका मकसद जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग कर पाकिस्तान में मिलाना है। 2000 में स्थापित इस संगठन ने भारत में कई बड़े आतंकी हमले किए हैं, जिनमें 2001 का संसद हमला, 2016 का पठानकोट हमला और 2019 का पुलवामा हमला शामिल है। संगठन को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का समर्थन प्राप्त होने के भी आरोप लगते रहे हैं।
अब्दुल अजीज की मौत को जैश-ए-मोहम्मद के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद हो रही रहस्यमयी मौतों से पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। भारत ने बार-बार चेतावनी दी है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा।
इस घटना ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को हवा दी है। हाल ही में 2025 की शुरुआत में दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष देखा गया था, जो 10 मई 2025 को एक संघर्षविराम के साथ समाप्त हुआ था। अब्दुल अजीज की मौत इस क्षेत्र में अस्थिरता को और बढ़ा सकती है।