लाहौर : पाकिस्तान में एक प्रमुख घटना में, 2019 में भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान को पकड़ने वाले पाकिस्तानी सेना के मेजर मोइज अब्बास शाह की तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ एक मुठभेड़ में मौत हो गई है। यह घटना दक्षिण वज़ीरिस्तान में हुई, जहां टीटीपी के लड़ाकों ने एक हमले में मेजर अब्बास समेत 13 सैनिकों को मार डाला।
मेजर अब्बास उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने भारतीय पायलट अभिनंदन वर्थमान को पाकिस्तानी क्षेत्र में उतरने के बाद पकड़ा था, जो 27 फरवरी 2019 को पाकिस्तान वायु सेना द्वारा उनके विमान को मार गिराए जाने के बाद हुआ था। अभिनंदन की रिहाई 60 घंटों के भीतर हुई थी, जिसे भारत में राष्ट्रीय गौरव के रूप में देखा गया और यह घटना भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण सैन्य संबंधों की याद दिलाती है।
टीटीपी, जो पाकिस्तानी राज्य के खिलाफ एक अभियान चला रहा है, ने हाल के वर्षों में कई हमले किए हैं, और अफगान तालिबान की मध्यस्थता के बावजूद, समूह ने अपनी हिंसक गतिविधियां जारी रखी हैं। इस नवीनतम घटना ने पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों को रेखांकित किया है, जहां आतंकवादी समूहों के साथ संघर्ष जारी है।
पाकिस्तान की सेना ने इस हमले की पुष्टि की है और कहा है कि दक्षिण वज़ीरिस्तान में सुरक्षा बलों और टीटीपी के बीच हुई इस मुठभेड़ में कई अन्य सैनिक भी घायल हुए हैं। इस घटना ने एक बार फिर से पाकिस्तान में अस्थिरता और आतंकवाद से निपटने की चुनौतियों को सामने ला दिया है।
भारत में, इस खबर को अभिनंदन वर्थमान की रिहाई और उनके साहसिक कार्यों की याद दिलाने के रूप में देखा जा रहा है, जो 2019 में एक राष्ट्रीय नायक बन गए थे। इस बीच, पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा स्थिति और क्षेत्रीय स्थिरता पर इसके प्रभाव पर निकटता से नजर रखी जा रही है।