इस्लामाबाद: हाल ही में हुए पाकिस्तान में आतंकि हमलों ने मा ओर जहां पुरे पाक को हिला कर रख दिया वहीं बलूच विद्रोहियों के विद्रोह ने दुनिया के सामने पाकिस्तान का असली सैन्य ताकत और विद्रोहियों के सामने बेबसी भी देखी । बता दें बलूचिस्तान में बलूचों और खैबर पख्तूनख्वा में तहरीक-ए-तालिबान के हमलों ने पाकिस्तान को थर्रा दिया है। पाकिस्तान की सेना से लेकर पाकिस्तान के तथाकथित एक्सपर्ट इन हमलों के तार काबुल होते हुए दिल्ली से जोड़ रहे हैं और एक नाम जिससे पाकिस्तानी कांप रहे हैं।
इनका मानना है कि इन हमलों के पीछे भारत के अजीत डोभाल हैं। इन दिनों पाकिस्तानी मीडिया में भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल का नाम पाकिस्तान में खौफ की तरह गूंज रहा है। पाकिस्तान के टीवी चैनलों पर आजकल यही बहस हो रही है कि कैसे अजीत डोभाल पाकिस्तान को अशांत कर रहे हैं। पाकिस्तान के समा टीवी पर एक कार्यक्रम के दौरान भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला गया है और आरोप लगाया गया है कि अफगानिस्तान के जरिए भारत, पाकिस्तान को परेशान कर रहा है।
बता दें इस कार्यक्रम के दौरान होस्ट ने कहा है कि अजीत डोभाल, पाकिस्तान को अशांत करने वाली ताकतों को मजबूत करके, उनके जरिए पाकिस्तान की स्थिति को खराब कर रहे हैं। समा टीवी के एंकर का कहना है कि तालिबान से दाएस (Islamic State) और गिलगित से ग्वादर तक ग्रेट गेम चल रहा है, जिसका संचालन भारत कर रहा है। दरअसल अफगानिस्तान में भारत की मजबूत भागीदारी और तालिबान के समय हालिया समय में बने संबंध ने पाकिस्तान को बेचैन कर दिया है। काबुल में भारत की मजबूती से पाकिस्तान अब खुद को अफगानिस्तान में दलदल में फंसा पा रहा है। पाकिस्तानियों का कहना है कि मुसलमान होने के बाद भी अफगानिस्तान में भारत (हिंदुओं) को गले से लगाया जाता है,।
जबकि मुस्लिम देश पाकिस्तान से नफरत किया जाता है। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सैय्यद फकर काका खिल ने कहा कि “अमेरिका के अफगानिस्तान से निकलने के बाद जो ग्रेट गेम शुरू हुआ है, उसकी वजह CPEC है।” उन्होंने कहा कि “अमेरिका के जाने के बाद अब अफगानिस्तान खाली मैदान बन चुका है। लेकिन चीन को लेकर अमेरिका की विदेश नीति विरोधी रही है।” उन्होंने कहा कि “अगर आज की तारीख में पाकिस्तान में हिंसा को देखे तो इसका रास्ता गिलगिट से ग्वादर है। ये रूट करीब 2600 किलोमीटर लंबा है और इस रूट पर कहीं चरमपंथी हमले होते हैं, कहीं आतंकी हमसे होते हैं, कहीं पाकिस्तान से अलग देश बनाने की बात होती है।
” उन्होंने कहा कि “सीपीईसी के खिलाफ चीन को घेरने के लिए ऐसी ताकतें इस रूट पर एक्टिव हैं। और जो हमले हो रहे हैं, उसके पीछे यही तत्व हैं।” इस दौरान कार्यक्रम के गेस्ट पूछते हैं कि अफगानिस्तान में तालिबान की इस्लामिक सरकार है, जबकि भारत में मोदी की हिंदुत्व की सरकार है, तो क्या अतीत में आप हिंदुत्व और इस्लाम का सहयोग देखते हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए सैय्यद फकर काका खिल कहते हैं कि “बॉलीवुड में अफगानियों को लुटेरा कहा जाता है लेकिन फिर भी तालिबान भारत के साथ है। जिसको लेकर ISIS ने अब अपने लोगों को कहना शुरू कर दिया है कि तालिबान हिंदुत्व के लिए काम कर रहा है, इसलिए आप हमारा साथ दें।