नयी दिल्ली : पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले नोमान इलाही के चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं, जो “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत भारत की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई का हिस्सा हैं। इस ऑपरेशन में भारतीय सशस्त्र बलों ने 6-7 मई, 2025 की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान-कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया, जिसका उद्देश्य सीमा पार आतंकवाद की जड़ों को खत्म करना था।
नोमान इलाही, जो हरियाणा पुलिस की हिरासत में है, को पानिपत में अरेस्ट किया गया था। खुलासों के अनुसार, वह पाकिस्तान स्थित आईएसआई एजेंट इकबाल खाँ को संवेदनशील जानकारी, जिसमें भारतीय सैन्य ठिकानों के बारे में विवरण शामिल है, प्रदान कर रहा था। इसके अलावा, उसे श्रीनगर में “ऑपरेशन सिंदूर” के लिए जाने का कार्य सौंपा गया था, और इकबाल खाँ ने उसे गुरदासपुर और पठानकोट ट्रेनों में सैनिकों की गतिविधियों के बारे में जानकारी मांगी थी।
सुरक्षा एजेंसियों के स्रोतों के अनुसार, नोमान ने ट्रेनों और अन्य संवेदनशील स्थानों की वीडियो इकबाल खाँ को भेजीं, हालांकि अभी तक पाकिस्तान से पैसे भेजने की कोई जानकारी नहीं है। जांच से पता चला है कि नोमान को जासूसी के लिए भारतीय बैंक खातों से पैसे भेजे गए थे, और कई बैंक खातों में पैसा स्थानांतरित किया गया था, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की संदेह और गहरा गया है।
हरियाणा पुलिस नोमान को 7-दिवसीय रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ कर रही है, और हर दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। नोमान के भाई ज़ीशान, जो पहले जिंझाना में पासपोर्ट फॉर्म भरने की दुकान चलाता था, भी जांच के दायरे में हैं। पुलिस ज़ीशान की तलाश कर रही है, और पानिपत की सीआईए टीम नोमान के साथ कैराना दो बार पहुंच चुकी है, जहां से संदिग्ध दस्तावेज़ और पासपोर्ट बरामद किए गए हैं।
इस बीच, हरियाणा के कैथल में देवेंद्र सिंह नोआ अरमान और उबेर ज्योति मल्होत्रा को भी गिरफ्तार किया गया है, और सुरक्षा एजेंसियां इनके बीच किसी तरह के लिंक की जांच कर रही हैं। यदि कोई लिंक पाया जाता है, तो और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
बताते चले कि हाल के महीनों में कई भारतीय नागरिकों को पाकिस्तानी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जिसमें बिहार, गुजरात और उत्तर प्रदेश के लोग शामिल हैं। भारत ने हाल ही में पाकिस्तान द्वारा किए गए 1.5 मिलियन साइबर हमलों को नाकाम किया है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक और चुनौती है।
नोमान इलाही के खुलासे और “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत की गई कार्रवाई से भारत-पाकिस्तान के बीच सुरक्षा तनाव और गहरा गया है। यह घटनाक्रम राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंताएं उठाता है और सुरक्षा एजेंसियों को इस जासूसी नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने के लिए और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता हैँ।