पनामा : कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने आज पनामा नहर का दौरा किया। यह दौरा ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की कूटनीतिक पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकजुटता को प्रदर्शित करना है। प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न दलों के सांसद शामिल हैं, जो अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया की यात्रा पर हैं।
शशि थरूर ने पनामा नहर को एक “इंजीनियरिंग चमत्कार” करार देते हुए कहा, “हम अपनी यात्रा को बिना पनामा नहर के दौरे के समाप्त नहीं कर सकते थे। यह एक सदी पहले का अद्भुत इंजीनियरिंग चमत्कार है, और आज भी एक विशाल जहाज को लॉक्स सिस्टम के जरिए ऊपर-नीचे होते देखना रोमांचक है।” उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी अफसोस जताया कि उनकी तस्वीरें इस अनुभव को पूरा न्याय नहीं दे पाईं।
पनामा नहर, जो अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ती है, वैश्विक व्यापार में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। यह नहर न्यूयॉर्क और सैन फ्रांसिस्को के बीच की दूरी को लगभग 8,000 मील तक कम कर देती है, जिससे दक्षिण अमेरिका के खतरनाक मार्गों से बचने में मदद मिलती है। नहर का लॉक्स सिस्टम जहाजों को 85 फीट (26 मीटर) की ऊंचाई तक उठाने और फिर नीचे लाने में सक्षम है, जो एक इंजीनियरिंग उपलब्धि है।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को विश्व के विभिन्न देशों में भेजा है, ताकि पहलगाम आतंकी हमले और भारत की प्रतिक्रिया को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने रखा जा सके। थरूर के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ भारत की “शून्य सहिष्णुता” की नीति को रेखांकित कर रहा है, जिसमें सीमा पार आतंकवाद के लिए जवाबदेही की मांग शामिल है।
इस दौरे की तस्वीरों में प्रतिनिधिमंडल के सदस्य पनामा नहर के सामने खड़े नजर आ रहे हैं, जहां एक विशाल जहाज “डेनिसा फाल्कन” को लॉक्स सिस्टम से गुजरते देखा जा सकता है। यह दौरा न केवल तकनीकी चमत्कार को देखने का अवसर था, बल्कि भारत और पनामा के बीच कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने का भी एक प्रयास है।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के तहत ये प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ भारत के सामूहिक संकल्प को दर्शाते हैं।” इस पहल के तहत अन्य प्रतिनिधिमंडल भी विश्व के विभिन्न हिस्सों में भारत की बात रख रहे हैं।