विधानसभा चुनाव से पहले सरकार को अब पंचायत में जीते हुए जनप्रतिनिधियों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पंचायत प्रतिनिधियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जनप्रतिनिधियों ने अपने अधिकारों की मांग को लेकर पटना में राजनीतिक दलों के पार्टी कार्यालय के बाहर पोस्टर लगाकर विरोध दर्ज कराया है।
नीतीश के खिलाफ ‘जाल’ और तेजस्वी पर ‘सस्पेंस’ – कांग्रेस नेता के बयानों से गरमाई बिहार की सियासत!
अपने अधिकार को लेकर पंचायत जनप्रतिनिधियों ने पटना के विभिन्न चौक चौराहा, विभिन्न राजनीतिक दल के पार्टी कार्यालय के बाहर पोस्टर लगाकर विरोध जताया है। मुखिया संघ के प्रदेश अध्यक्ष मिथिलेश कुमार राय और पंच-सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला की तरफ से बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए हैं।
क्या लिखा है पोस्टर में?
पोस्टर के जरिए प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछा गया है। पोस्टर में ऊपर उन्होंने अपने अधिकार को लेकर स्लोगन के रूप में लिखा है, ‘कब मिलेगा हमारा अधिकार? बिहार में सबसे नीचे पंचायती राज क्यों है?’पोस्टर में इस बात का भी जिक्र है कि पंचायत जनप्रतिनिधि जब अपने अधिकार की बात करते हैं तो उन्हें केवल आश्वासन मिलता है। या चुप करा दिया जाता है।
ग्राम कचहरी और पंचायती राज व्यवस्था को कमजोर किया जा रहा है। जबकि संविधान ने इन्हें मजबूत करने की बात कही है। मुखिया और पंच-सरपंच संघ का आरोप है कि पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशासनिक अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं। इस वजह से अपने क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से विकास कार्य नहीं कर पा रहे हैं। सरकार पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका को नजरअंदाज कर रही है।