Bihar SIR: चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट रिवीजन के पहले चरण के तहत मसौदा सूची प्रकाशित कर दी। आंकड़े के अनुसार अब मतदाताओं की संख्या घटकर 7.24 करोड़ रह गई है जबकि पहले यह आंकड़ा 7.89 करोड़ था। यानी करीब 65 लाख मतदाताओं के नाम इस सूची से हटाए गए हैं। पप्पू यादव ने सीधे चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा, “22 लाख वोटर मर गए, 35 लाख गायब और 7 लाख का दो बार पंजीकरण, तो अभी तक के हुए चुनाव का क्या?”
पप्पू यादव ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि “16 सालों तक कुछ नहीं पता चला, लेकिन एक महीने में कैसे ये सब सामने आ गया? अगर वाकई ये फर्जीवाड़ा था, तो प्रधानमंत्री और बाकी नेता भी उन्हीं वोटों से चुने गए हैं। पहले लोकसभा को ही भंग कर देना चाहिए।” उन्होंने कहा कि अगर विधानसभा चुनावों में फर्जी वोट के आरोप सही हैं, तो उन विधानसभा क्षेत्रों को भी तुरंत भंग कर देना चाहिए। पप्पू यादव ने कहा कि चुनावों में पारदर्शिता की मांग अब आंदोलन का रूप लेगी।
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महाराष्ट्र और दिल्ली चुनावों का उदाहरण देते हुए पप्पू यादव ने बीजेपी पर ‘पिछले दरवाजे’ से सत्ता में आने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में 5 बजे के बाद 40 लाख वोट पड़ते हैं, दिल्ली में भी ऐसा ही होता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि जोड़ा जाए लेकिन नाम न काटा जाए। लेकिन उनकी पूरी की पूरी मेंटलिटि और ऐसा मेंटल लेवल है कि इन्हें किसी कांके में जाने की जरूरत है। ये सिर्फ चोरी नहीं, डकैती कर रहे हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों के लिए जारी की गई किश्त पर भी पप्पू यादव ने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “क्या ये पैसा उनके घर से आता है? ये तो भारत के टैक्सदाताओं का पैसा है. हर चीज की मार्केटिंग की जाती है, पहले सेना और भगवान का नाम लेते थे, अब किसानों की भी मार्केटिंग करने लगे हैं। वो किश्त किसानों का अधिकार है, किसी के दादा-नाना की संपत्ति नहीं। इसे खैरात की तरह पेश करना गलत है।”