बिहार के गोपालगंज में इन दिनों बाबा बागेश्वर की हनुमंत कथा चल रही है, लेकिन इसके साथ ही उनके दौरे को लेकर राजनीतिक और सामाजिक सवाल भी उठने लगे हैं। पहले राजद के विधायक ने बाबा बागेश्वर को गिरफ्तार करने की मांग की थी, और अब बिहार के पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने भी इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। पप्पू यादव ने कहा कि चुनाव के समय ऐसे बाबाओं का बोलबाला बढ़ जाता है। ये लोग नफरत फैलाने का काम करते हैं, और ऐसे बाबाओं को श्रेय लेने की कोई जरूरत नहीं है। हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध करते हैं कि वह ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें, जो न केवल समाज को भ्रमित करते हैं, बल्कि समाज में नफरत का माहौल भी पैदा करते हैं।
पप्पू यादव ने बाबा बागेश्वर का नाम लिए बिना कहा कि यह लोग दुनिया के सबसे बड़े फ्रॉड हैं, जिनकी पहचान नटवरलाल जैसी है। देश के सबसे बड़े नेता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शंकराचार्य और संत समाज इनके खिलाफ बोल चुके हैं। लेकिन नेताओं के समर्थन से इनकी मार्केटिंग हो रही है और इनकी वैल्यू बढ़ रही है। यह समाज के लिए खतरनाक हैं, और इन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। सांसद ने आगे कहा कि बिहार का इतिहास गहरे अध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टिकोण से जुड़ा हुआ है। बिहार ने हमेशा सनातन धर्म को मान्यता दी है। चाहे वह महाभारत की भूमि हो, सीता की भूमि हो, गुरु गोविंद सिंह, बुद्ध या महावीर की भूमि हो, बिहार ने हमेशा दुनिया को दिशा दी है। बिहार नफरत को मिटाने वाला राज्य है।
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पप्पू यादव ने यह भी कहा कि बिहार संविधान को मानता है, अंबेडकर, बुद्ध, शिव और कृष्ण की विचारधारा को मानता है। बिहार ने कभी भी बाबाओं के नाम पर नफरत फैलाने वालों का समर्थन नहीं किया है। हम ऐसी ताकतों के खिलाफ हैं जो समाज में भ्रम फैलाते हैं और समाज को गुमराह करते हैं। यह बयान बिहार में बाबाओं के बढ़ते प्रभाव और उनके राजनीतिक कनेक्शन्स पर सवाल उठाता है। पप्पू यादव ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी और वह खुद ऐसे तत्वों के खिलाफ हैं जो समाज को संकीर्ण सोच में बांधते हैं और विकास के मुद्दों पर चर्चा नहीं करते।