Pappu Yadav का जिन्ना बयान: पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) का मोहम्मद अली जिन्ना के संबंध में दिया गया ताजा बयान भारतीय राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। एक निजी न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि जिन्ना चाहे कितने भी सही या गलत क्यों न हों, गाली के लायक नहीं हैं। यह बयान देते हुए उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी के पाकिस्तान दौरे का उदाहरण दिया, जहां उन्होंने जिन्ना की मजार पर चादर चढ़ाई थी।
इस बयान ने सोशल मीडिया से लेकर संसद तक तीखी प्रतिक्रियाएं आमंत्रित की हैं। जहां कई दलों ने इसे राष्ट्रविरोधी करार दिया है, वहीं कुछ नेताओं ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला बताया है। यह बयान बिहार की सियासत में नए समीकरण बनाने की कोशिश हो सकती है, खासकर जब राज्य विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।
Pappu Yadav ने नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सवाल
अपने बयान में पप्पू यादव ने उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान की रणनीति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ये नेता गठबंधन में रहते हुए भी नीतीश कुमार के नेतृत्व को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। इससे साफ संकेत मिलता है कि एनडीए गठबंधन में आंतरिक मतभेद बढ़ रहे हैं और नीतीश कुमार का नेतृत्व चुनौतियों का सामना कर रहा है। पप्पू यादव ने राहुल गांधी के साथ मंच साझा करने के मुद्दे पर तेजस्वी यादव को “अहंकारी युवराज” बताया और साफ कहा कि वह उनके साथ किसी भी मंच पर नहीं खड़े होंगे। यह बयान महागठबंधन की आंतरिक कलह को उजागर करता है और बताता है कि विपक्षी दलों के बीच एकता का अभाव है।
मराठी भाषा विवाद में भी दखल
मुंबई की राजनीति में भी पप्पू यादव ने दखल देते हुए मनसे प्रमुख राज ठाकरे को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि बिहार में किसी भी मराठी संगठन को काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह बयान क्षेत्रीय अस्मिता की राजनीति को नए सिरे से उभारने वाला माना जा रहा है।