Parbatta Vidhan Sabha 2025: परबत्ता विधानसभा सीट (संख्या 151) बिहार की उन चुनिंदा सीटों में से एक है, जहां हर चुनाव में राजनीतिक हलचल और समीकरणों का नया रूप देखने को मिलता है। खगड़िया जिले में स्थित यह सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी, लेकिन 1985 के बाद पार्टी यहां से पूरी तरह हाशिए पर चली गई। उसके बाद इस क्षेत्र में जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने लगातार अपनी पैठ मजबूत की और मौजूदा समय में भी यह सीट जेडीयू के कब्जे में है।
चुनावी इतिहास
पिछले तीन विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो परबत्ता में मतदाताओं का रुझान साफ झलकता है कि यहां मुकाबला हमेशा त्रिकोणीय या सीधा रहता आया है। 2010 में आरजेडी के सम्राट चौधरी ने जीत दर्ज की थी, जबकि जेडीयू के रामानंद प्रसाद सिंह मामूली अंतर से हार गए थे। हालांकि 2015 में समीकरण बदले और रामानंद प्रसाद सिंह ने जेडीयू प्रत्याशी के तौर पर 76 हजार से अधिक वोटों के साथ शानदार जीत हासिल की। उस चुनाव में बीजेपी के रामानुज चौधरी काफी पीछे रह गए और तीसरे पायदान पर जन अधिकार पार्टी के सुहेली मेहता रहीं।
Khagaria Vidhan Sabha 2025: जेडीयू के गढ़ पर कांग्रेस का कब्ज़ा, अबकी बार किसका होगा दबदबा?
2020 का चुनाव परबत्ता सीट के इतिहास में सबसे रोचक और कांटे का मुकाबला माना गया। जेडीयू के डॉ. संजीव कुमार ने आरजेडी के दिगंबर प्रसाद तिवारी को केवल 951 वोटों से मात दी। डॉ. कुमार को 77,226 वोट (41.61%) मिले, जबकि तिवारी को 76,275 वोट (41.1%) हासिल हुए। यह नतीजा साफ दर्शाता है कि परबत्ता में हर वोट का महत्व है और मतदाता जातीय आधार पर भी खुलकर अपनी राजनीतिक दिशा तय करते हैं।
जातीय समीकरण
अगर जातीय समीकरण देखें तो यहां यादव, भूमिहार और मुस्लिम मतदाता सबसे प्रभावी भूमिका निभाते हैं। इनके अलावा कोइरी समाज भी निर्णायक स्थिति में है। यही कारण है कि हर दल उम्मीदवार चयन में इन वर्गों को साधने की कोशिश करता है। जनगणना 2011 के अनुसार, परबत्ता विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी 4,45,531 है। इसमें ग्रामीण आबादी लगभग 91.53% है जबकि शहरी जनसंख्या मात्र 8.47% है। अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी 6.96% और अनुसूचित जनजाति की संख्या लगभग नगण्य (0.03%) है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि परबत्ता में अब मुकाबला और भी दिलचस्प हो सकता है क्योंकि मतदाता हर बार नया प्रयोग करते दिखते हैं। पिछली बार की तरह बेहद कम अंतर से जीत-हार की संभावना इस बार भी बन सकती है। यही वजह है कि परबत्ता विधानसभा को बिहार चुनाव की सबसे अहम और हॉट सीटों में गिना जाता है।






















