PM CM resignation bill: संसद के मानसून सत्र में बुधवार को सरकार तीन अहम विधेयक पेश करने जा रही है, जो भारतीय राजनीति की कार्यशैली को नई दिशा दे सकते हैं। इन विधेयकों में सबसे बड़ा प्रावधान यह है कि अगर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री या फिर किसी राज्य अथवा केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार होते हैं या हिरासत में लिए जाते हैं, तो उन्हें तत्काल पद छोड़ना होगा। सरकार का दावा है कि इन संशोधनों से राजनीतिक पदों पर बैठे व्यक्तियों की जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
पेश किए जा रहे विधेयकों में पहला है केंद्र शासित प्रदेश की सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025। इसमें 1963 के मौजूदा कानून में संशोधन कर यह प्रावधान जोड़ा जाएगा कि अगर कोई मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर आपराधिक मामले में गिरफ्तार हो जाता है, तो उसे पद से हटाना अनिवार्य होगा। अभी तक ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान मौजूद नहीं था।
दूसरा है संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025, जिसमें संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में बदलाव करने की बात कही गई है। इसके तहत प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री या दिल्ली सरकार के मंत्री पर अगर गंभीर आपराधिक आरोप लगते हैं और वे हिरासत में लिए जाते हैं, तो उन्हें पद से हटाना पड़ेगा।
तीसरा है जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025, जिसमें 2019 के कानून में संशोधन कर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और मंत्रियों पर भी यही नियम लागू करने का प्रस्ताव है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इन तीनों विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव भी लोकसभा में रखेंगे।


















