लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्र और सभी राज्य सरकारों से आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि भारत में भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी सरकारों को अपने राजनीतिक स्वार्थों को दरकिनार करते हुए भारतीय कानून के तहत निष्पक्ष, ईमानदार और कठोर कानूनी कदम उठाने चाहिए। मायावती ने आतंकवाद को देश के लिए एक गंभीर चुनौती बताते हुए जोर दिया कि इस समस्या से निपटने के लिए राजनीतिक एकजुटता जरूरी है। उन्होंने कहा, “आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए।”
यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत में आतंकवाद से संबंधित घटनाएं एक बड़ी चिंता का विषय बनी हुई हैं। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2014 से 2023 के बीच देश में आतंकवाद से जुड़ी 1,000 से अधिक घटनाएं दर्ज की गई हैं। कार्यक्रम के दौरान मायावती एक औपचारिक मंच पर नजर आईं, जहां पृष्ठभूमि में हिंदी में “पूर्व संरक्षक मुरलीधर प्रदेश” लिखा हुआ था। यह आयोजन संभवतः बीएसपी या क्षेत्रीय राजनीतिक सभा से जुड़ा था।
मायावती का यह बयान उनकी उस लंबे समय से चली आ रही विचारधारा को दर्शाता है, जिसमें वह सामाजिक न्याय और बहुजन समुदायों के हितों की वकालत करती रही हैं। हालांकि वह 2012 के बाद से सत्ता में नहीं हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश की राजनीति में उनकी सक्रियता और प्रभाव बरकरार है। मायावती ने इससे पहले भी आतंकवाद और माओवादी उग्रवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने की बात कही थी। 2009 में उन्होंने कहा था कि अगर बीएसपी केंद्र में सत्ता में आती है, तो आतंकवाद और माओवादी विद्रोह को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय किए जाएंगे। उनके इस हालिया बयान को राजनीतिक हलकों में आतंकवाद के मुद्दे पर एकजुटता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।