12 जून को अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के बाद देशभर के हवाई अड्डों की सुरक्षा व्यवस्था पर नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) की नजर और तेज हो गई है। इसी कड़ी में DGCA की सात सदस्यीय टीम ने पटना एयरपोर्ट का दो दिवसीय निरीक्षण किया। गौरतलब है कि पटना एयरपोर्ट को देश के सबसे चुनौतीपूर्ण हवाई अड्डों में गिना जाता है, जहां छोटे रनवे और भौगोलिक सीमाओं के कारण विमान संचालन में अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ती है।
रनवे, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और पार्किंग की हुई बारीक जांच
DGCA टीम ने एयरपोर्ट के मुख्य रनवे, पैरलल टैक्सी ट्रैक, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) सिस्टम और विमान पार्किंग जोन का विस्तृत निरीक्षण किया। साथ ही, विमानों की तकनीकी फिटनेस जांच प्रक्रिया और लैंडिंग-टेकऑफ के दौरान पायलटों के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा की गई।
रनवे विस्तार योजना: चिड़ियाघर की जमीन और वॉच टावर में बदलाव जरूरी
एयरपोर्ट निदेशक केएम नेहरा ने DGCA टीम को रनवे विस्तार की प्रस्तावित योजना से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि रनवे को पूर्व की ओर 500 मीटर और पश्चिम की ओर 200 मीटर बढ़ाने के लिए सचिवालय वॉच टावर को 17.5 मीटर छोटा करना होगा। साथ ही, चिड़ियाघर की 15 एकड़ अतिरिक्त जमीन की भी आवश्यकता होगी। यह योजना लंबे समय से लंबित है, लेकिन भूमि अधिग्रहण और अन्य प्रशासनिक अड़चनों के कारण अभी तक अमल में नहीं आई है।
मानसून के दौरान हवाई अड्डों पर सुरक्षा चुनौतियां बढ़ जाती हैं। इसको ध्यान में रखते हुए DGCA टीम ने रनवे के किनारे घास की नियमित कटाई और संकेतों को स्पष्ट रूप से चिह्नित करने के निर्देश दिए। साथ ही, एयरपोर्ट प्रशासन को मौसम संबंधी आपातकालीन प्रोटोकॉल की समीक्षा करने को कहा गया।
DGCA को सौंपी जाएगी रिपोर्ट, नई गाइडलाइंस का इंतजार
निरीक्षण के बाद DGCA टीम अपनी रिपोर्ट नागर विमानन महानिदेशालय को सौंपेगी। इसके आधार पर पटना एयरपोर्ट के लिए नई सुरक्षा गाइडलाइंस जारी की जा सकती हैं, जिनका पालन करना प्रशासन के लिए अनिवार्य होगा।
क्यों महत्वपूर्ण है पटना एयरपोर्ट की सुरक्षा?
- यहां का रनवे देश के सबसे छोटे रनवे में से एक है, जिससे बड़े विमानों की लैंडिंग जोखिम भरी होती है।
- शहर के बीचोंबीच स्थित होने के कारण विस्तार की सीमित संभावनाएं हैं।
- मानसून में पानी भराव और दृश्यता कम होने की समस्याएं आम हैं।
अहमदाबाद हादसे के बाद DGCA की यह कार्रवाई देशभर के एयरपोर्ट्स की सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है। पटना एयरपोर्ट का मामला विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि यहां के रनवे विस्तार की मांग लंबे समय से उठती रही है। अब देखना होगा कि DGCA की रिपोर्ट के बाद इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई होती है या नहीं।