बिहार की राजधानी पटना सहित कई जिलों में गुरुवार को अचानक तेज हुए बुलडोजर एक्शन (Bihar Bulldozer Action) ने प्रदेश की राजनीति को गर्मा दिया है। नालंदा, सीतामढ़ी, पटना, आरा सहित कई इलाकों में अतिक्रमण हटाने के नाम पर घरों को तोड़े जाने की कार्रवाई जारी है, जिसके चलते हजारों परिवार बेघर होने के कगार पर पहुंच गए हैं। टूटते आशियानों के बीच रोते-बिलखते लोगों की तस्वीरें सामने आने के बाद यह मुद्दा राजनीतिक आग में बदल चुका है।
इसी मामले पर जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने बिहार के गृह मंत्री सम्राट चौधरी और नीतीश सरकार पर जोरदार हमला बोला है। तेज प्रताप ने एक्स (Twitter) पर अपने बयान में कहा कि बिहार में गरीब, दलित और वंचित समुदाय के हजारों परिवार अपने घर टूटने से बिखर चुके हैं, उनकी आंखों में आंसू हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। उन्होंने लिखा कि ऐसा महसूस होता है कि बिहार में अब सामाजिक न्याय जैसी कोई चीज बाकी नहीं रह गई।
तेज प्रताप ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार में नए गृह मंत्री अपने पद को लेकर अति उत्साहित होकर जनता को भूल चुके हैं। उन्होंने कहा कि जो नेता कल तक जनता का गुणगान करते थे, आज उन्हीं के घर उजाड़ रहे हैं। तेज प्रताप के अनुसार पिछले दो दिनों से कई जिलों में बिना पर्याप्त व्यवस्था और विकल्प के बुलडोजर से गरीबों के घरों को ढहा दिया गया, जिसका असर मासूम बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों पर सबसे ज्यादा पड़ा है।
उन्होंने कहा कि नवंबर से ही बिहार में ठंड की शुरुआत हो जाती है और दिसंबर–जनवरी में कड़ाके की सर्दी पड़ती है, ऐसे में किसी का घर टूटना बेहद दर्दनाक है। सरकार को समझना चाहिए कि खुले आसमान के नीचे रहना किसी परिवार के लिए कितना भयानक हो सकता है।
तेज प्रताप ने नीतीश सरकार से मांग की है कि जब तक पुनर्वास और आर्थिक सहायता की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक बेबसी में जी रहे लोगों के आशियाने ढहाने पर तुरंत रोक लगाई जाए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि गरीबों की बद्दुआ से कोई नहीं बच पाएगा और जनता अपने हर आंसू का हिसाब समय आने पर लेगी।






















