Patna CWC Meeting: पटना में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक से पहले पार्टी नेता और एनएसयूआई इंचार्ज कन्हैया कुमार ने बिहार और केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखा वार किया। कन्हैया ने कहा कि “Vote Chori” के खिलाफ लड़ाई असल में लोकतंत्र और संविधान की रक्षा है। उनका कहना है कि जिस सरकार की नींव चोरी हुए वोटों पर टिकी हो, वह बेरोजगारी, महंगाई और पलायन जैसी समस्याओं को कभी दूर नहीं कर सकती। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसी सरकारें परीक्षा पत्र लीक कराने और गुंडागर्दी को बढ़ावा देने में ही व्यस्त रहती हैं।
कन्हैया ने स्पष्ट कहा कि जब अपराधी शासन चलाते हैं तो उसे सुशासन नहीं कहा जा सकता। उनके मुताबिक, लोकतंत्र को बचाने के लिए वोट चोरी रोकना और युवाओं को रोजगार दिलाना सबसे जरूरी है।
कन्हैया कुमार ने सदाकत आश्रम में हो रही CWC बैठक को भी खास महत्व दिया। उन्होंने कहा कि यह जगह सिर्फ कांग्रेस का दफ्तर नहीं, बल्कि स्वतंत्रता आंदोलन की गवाही देने वाला ऐतिहासिक स्थल है। यही स्थान देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का निवास भी रहा है। उन्होंने हाल में सदाकत आश्रम पर हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि जो लोग गांधी के हत्यारे की पूजा करते हैं, उन्होंने इस धरोहर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी। ऐसे में यहां बैठक आयोजित करना बताता है कि कांग्रेस संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
CWC की यह बैठक बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हो रही है, जिसका सीधा राजनीतिक महत्व है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत देशभर के दिग्गज नेता इस बैठक में शामिल हो रहे हैं। राहुल गांधी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि पार्टी न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश में वोट चोरी, बेरोजगारी, महंगाई और अपराध जैसे मुद्दों को लेकर मुखर रहेगी।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला समेत कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि बिहार ने हमेशा नई राजनीतिक दिशा दी है और यह बैठक भी राष्ट्रीय राजनीति पर गहरा असर डालेगी। सुरजेवाला ने कहा कि चंपारण से लेकर आज तक बिहार ने देश के लिए नए राजनीतिक आयाम तय किए हैं। यह बैठक भी उसी कड़ी का हिस्सा है।
CWC बैठक के एजेंडे में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव पर रणनीति, बेरोजगारी और महंगाई पर ठोस कदम और वोट चोरी के खिलाफ आंदोलन को गति देने जैसे मुद्दों पर चर्चा होना तय है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि अगर जनता के वोट की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई तो लोकतंत्र कमजोर होगा।






















