Patna EOU Raid: पटना में गुरुवार की सुबह जैसे-ही आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने दस्तक दी, पूरे विभाग में हलचल मच गई। पाटलिपुत्र सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक में कार्यरत विकास पदाधिकारी भवेश कुमार सिंह के खिलाफ कई दिनों से चल रही गोपनीय जांच आखिरकार बड़े एक्शन में बदल गई। ईओयू ने पाया कि अधिकारी की घोषित आय और वास्तविक संपत्ति में 60.68 फीसदी का भारी अंतर मौजूद है, जो भ्रष्टाचार की गंभीर आशंका को मजबूत करता है। इसी आधार पर पटना और गोपालगंज स्थित उनके छह ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की गई, जिसकी अगुवाई डीएसपी रैंक के अधिकारी कर रहे हैं।
सुबह से शुरू हुई यह कार्रवाई लगातार जारी है और टीम आय, संपत्ति, निवेश और संदिग्ध लेन-देन से जुड़े तमाम दस्तावेजों को खंगाल रही है। बैंक खाते, जमीनों के कागजात, फ्लैट के पेपर्स, लॉकर से जुड़े रिकॉर्ड और पिछले कुछ वर्षों में किए गए बड़े वित्तीय ट्रांजैक्शंस पर विशेष फोकस किया जा रहा है। शुरुआती जांच में ही ईओयू को कई ऐसे सुराग मिले हैं जिनसे अवैध संपत्ति अर्जन के आरोप और मजबूत होते दिख रहे हैं। यह भी संभावना जताई जा रही है कि कुछ बैंकिंग लेन-देन ऐसे हैं जिनकी अलग से फोरेंसिक जांच की जरूरत पड़ सकती है।
आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान ने कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रारंभिक स्तर पर जो तथ्य सामने आए हैं, वे बेहद गंभीर हैं। अधिकारी की घोषित आय और हासिल की गई संपत्ति में भारी अंतर पाया गया है, इसलिए भ्रष्टाचार और अवैध अर्जन की धारा में तत्काल छापा डाला गया। उन्होंने यह भी इशारा किया कि जैसे-जैसे छापेमारी आगे बढ़ेगी, कई नए पहलू उजागर हो सकते हैं जो विभागीय सिस्टम में व्याप्त अनियमितताओं की ओर संकेत करेंगे।






















