Patna Free Hearing Camp 2025: पटना में समाजसेवा और जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक पहल के तहत स्वर्गीय लाडली शरण की 26वीं पुण्यतिथि के अवसर पर एक विशेष नि:शुल्क बहरापन जांच शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर 29 सितम्बर 2025 को ‘पब्लिक अवेयरनेस फॉर हेल्थफुल एपरोच फॉर लिविंग (पहल)’ संस्था द्वारा नेमा प्लेस, एग्जीबिशन रोड, पटना में आयोजित किया गया। इस शिविर में कुल 75 गरीब और जरूरतमंद मरीजों की ऑडियोमेट्री मशीन द्वारा विशेषज्ञ जांच की गई, जिसमें से 17 मरीजों में बहरापन की पुष्टि हुई।
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स्व. लाडली शरण की स्मृति में आयोजित इस शिविर को एक सामाजिक अभियान के रूप में देखा जा रहा है, जो स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच उन लोगों तक सुनिश्चित करता है, जिनके पास निजी इलाज के साधन नहीं हैं। यह शिविर न केवल एक श्रद्धांजलि था, बल्कि यह उस विरासत का भी प्रतीक था जो स्वर्गीय डॉ. के. के. शरण और लाडली शरण ने सामाजिक सेवा के क्षेत्र में छोड़ी है।
संस्था की ओर से घोषणा की गई कि जिन 17 मरीजों में सुनने की क्षमता में कमी पाई गई है, उन्हें आगामी 14 अक्टूबर 2025 को आयोजित “स्व. डॉ. के. के. शरण की 10वीं पुण्यतिथि” के अवसर पर नि:शुल्क श्रवण यंत्र (हियरिंग एड) प्रदान किया जाएगा। यह सेवा उन सामाजिक संकल्पों का विस्तार है, जिन्हें इन दिवंगत समाजसेवियों ने अपने जीवन में आत्मसात किया था।

इस अवसर पर प्रमुख समाजसेवी और कार्यक्रम आयोजिका डॉ. (श्रीमती) किरण शरण ने बताया कि इस प्रकार का शिविर हर वर्ष आयोजित किया जाता है और अब तक 3500 से अधिक गरीब मरीजों को इसका लाभ मिल चुका है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन की प्रेरणा स्व. डॉ. के. के. शरण द्वारा दी गई थी, जिन्होंने अपने जीवन को मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया था।
कार्यक्रम में ‘पहल’ के चिकित्सा निदेशक डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने भी स्व. लाडली शरण एवं डॉ. के. के. शरण द्वारा किए गए जनसेवी कार्यों की सराहना की और कहा कि समाज को आगे बढ़ाने में इस प्रकार की सेवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है।
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इस पुण्य स्मरण अवसर पर कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे जिनमें श्रीमती नीलीमा सिन्हा, श्रीमती नंदिनी शरण और अन्य प्रतिष्ठित नागरिक शामिल रहे। कार्यक्रम की सफलता में प्रमुख योगदान ऑडियोलॉजिस्ट सूरज कुमार, किशोर कुमार, मनोज कुमार, सुमन कुमार और नीरज कुमार का रहा, जिन्होंने मरीजों की जांच और सहयोग में उल्लेखनीय भूमिका निभाई।
स्वास्थ्य जागरूकता और समाजसेवा का यह संगम आने वाले समय में प्रेरणा का स्रोत बनेगा। ‘पहल’ संस्था की यह सतत सामाजिक पहल दर्शाती है कि संवेदनशीलता और सेवा भाव से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
















