पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में विजयादशमी का पर्व इस बार बारिश की फुहारों के बीच और भी यादगार बन गया। आसमान से बरसती बूंदों के बीच जब रावण, कुंभकरण और मेघनाद के विशालकाय पुतले धू-धू कर जलने लगे तो पूरा मैदान “जय श्रीराम” के उद्घोष से गूंज उठा। हालाँकि लगातार हो रही बारिश के कारण रावण का सिर टूट कर झुक गया था। बारिश के बावजूद गांधी मैदान में उमड़ी भीड़ ने इस क्षण को ऐतिहासिक बना दिया। प्रशासन ने सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की थी।
जदयू ने AI से बनाया लालू यादव रूपी रावण
इस वर्ष के रावण दहन समारोह का शुभारंभ राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। श्रीकृष्ण स्मारक समिति, कला संस्कृति एवं युवा विभाग तथा श्री श्री दशहरा कमिटी ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम ने बिहार ही नहीं, पूरे देश का ध्यान खींचा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्वागत स्मृति चिन्ह, धार्मिक ग्रंथ और अंगवस्त्र भेंट कर किया गया। इसके बाद उन्होंने गुब्बारे उड़ाकर बिहार में शांति और सौहार्द्र बनाए रखने का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने भगवान श्रीराम और लक्ष्मण की प्रतिमाओं की विधिवत आरती भी उतारी। इसके उपरांत परंपरागत क्रम में पहले कुंभकरण, फिर मेघनाद और अंत में रावण का पुतला दहन किया गया।

कार्यक्रम में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के अलावा उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, उच्च अधिकारी, जिलाधिकारी और कई गणमान्य व्यक्तित्व मौजूद रहे। पूरी शाम सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, रामलीला मंचन और रावण वध ने विजयादशमी को बिहारवासियों के लिए एक अविस्मरणीय स्मृति में बदल दिया।




















