राजधानी पटना को अब जाम से जूझते शहर की पहचान से बाहर निकालने वाली परियोजना जेपी गंगा पथ अपने एक और अहम चरण में प्रवेश कर चुकी है। 10 अप्रैल को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस महत्वाकांक्षी परियोजना के दीदारगंज तक विस्तार का उद्घाटन करेंगे। कंगन घाट से दीदारगंज तक का निर्माण कार्य अब पूरा हो चुका है, जिसके बाद दीघा से दीदारगंज तक 20.5 किलोमीटर लंबा ‘गंगा पथ’ पूरी तरह चालू हो जाएगा। फिलहाल इस रूट पर केवल छोटे वाहनों को अनुमति दी गई है – मकसद है गंगा पथ को जाममुक्त और सुगम बनाए रखना।
एंबुलेंस के लिए ‘लाइफलाइन’, जाम से छुटकारा
सबसे बड़ी राहत मरीजों और एंबुलेंस सेवा को मिलेगी। अब दीदारगंज से आने वाली एंबुलेंस बिना किसी ट्रैफिक अवरोध के सीधे पीएमसीएच और एम्स पटना तक पहुंच सकेगी। पहले यह सफर गायघाट और बाइपास के जाम से होकर गुजरता था, जहां ‘जीरो माइल’ के पास घंटों तक जाम में फंसना आम बात थी।
89 महीने की देरी, 1000 करोड़ रुपये की बढ़ी लागत
हालांकि, यह सफर उतना आसान नहीं रहा। 11 अक्टूबर 2013 को जब इस परियोजना का शिलान्यास हुआ, तब इसे 4 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन 137 महीने में जाकर यह सपना साकार हुआ — यानी करीब 89 महीने की देरी। लागत भी अनुमानित 3160 करोड़ से बढ़कर 4160 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।
इस परियोजना का अगला चरण और भी बड़ा है:
- पश्चिम की ओर: दीघा से शेरपुर होते हुए कोईलवर तक 36.65 किमी लंबी सड़क, लागत: 6689.70 करोड़ रुपये
- पूरब की ओर: दीदारगंज से अथमलगोला, फिर राजेंद्र सेतु (मोकामा) तक एनएच-31 को चौड़ा करने की योजना, लागत: 1121.49 करोड़ रुपये