पशुपति पारस ने चिराग पासवान पर आरोप लगाया था कि वह हत्या की साजिश रच रहे हैं। दुसरी तरफ चाचा पशुपति जांच कराने की भी मांग कर रहे हैं। वहीं सारे सवालों का जवाब देते हुए चिराग पासवान ने कहा कि अभी भी हमलोग यहीं पर अटके हैं। बिहार में इतने सारे मसले हैं। जिससे हमलोग जूझ रहे हैं। बिहार में बहुत सी चीजें हैं करने के लिए। चिराग ने अपने चाचा को कहा कि वह केन्द्र में मंत्री हैं। उनको शोभा नहीं देता कि वह एक लड़का जिसको उन्होंने पहले हीं परिवार और पार्टी से निकाल दिया गया है। जिसको वह अपना भतीजा तक मानना जरूरी नहीं समझा। उन्होंने मुझ पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है जो कि बहुत गंभीर आरोप है।
भतीजा ना मानें पर मेरे लिए पिता
मैं बिहार में लगातार काम कर रहा हूं। बिहार का ऐसा कोई जिला नहीं जहां कोई घटना होती है और मैं सबसे पहले पहुंच जाता हूं। बिहार में बहुत ऐसी चीजें है करने को जिसमें मैं लगा हुआ हूं। ऐसे में क्या मेरे पास वक्त है और संभव है कि मैं इस बात की सोंच रखूं व रणनीति बनाऊं कि मेरे चाचा क्या कर रहे हैं। उनको किस तरह से तंग किया जाए? वह भले मुझे अपना भतीजा न माने पर मेरे लिए वह पिता थें। चाचा मुझे बोलते हैं कि वह मेरा खून नही है। बताईये यह कैसे संभव है? मेरे पिता के भाई है। मेरे चाचा है। कैसे संभव है कि मेरे रग में उनका खून नहीं है? मनगढंत बातें वह करते हैं। उन्होंने रिश्तों को तार-तार किया है। मेरी मां जिसको भाभी-भाभी कहते नहीं थकते थें उन्होंने उनका नाम लेकर पुकारना शुरू कर दिया।
पशुपति पारस का ध्यान मनगढंत बातों में
चिराग ने आगे कहा कि बहरहाल उनके मंत्रालय में काम नहीं है इसलिए उनका सारा ध्यान ऐसे मनगढंत बातों में लगा रहता है। उन्होंने मुझ पर बहुत गंभीर आरोप लगाए थे हत्या की साजिश। यह छोटा आरोप नहीं है। मैं चाहता हूं की इसकी निष्पक्ष जांच हो। अगर उसमें मैं दोषी पाया जाता हूं तो मुझ पर कार्रवाई हो। अगर मैं दोषी नहीं पाया गया तो जिस तरीके से मेरे मान सम्मान के साथ बिना किसी तथ्यों के खिलवाड़ कर रहे हैं यह भी कहीं से उचित नहीं है। चिराग ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के सामने नब्बे डिग्री के सामान झुक गए थें। उत्तरप्रदेश के शपथ समारोह में अखबार में इसकी फोटो भी छपी थी। उसी दिन नीतीश कुमार ने साबित कर दिया कि वह “शरणम गच्छामि” अर्थात जा रहे हैं।
सीएम नीतीश सहूलियत की राजनीति करने वाले
यूपी चुनाव तक बवाल मचा रहता था कि जातीय जनगणना और विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा। क्या हुआ उसके बाद? अब कोई बात नहीं करता इन विषयों पर। अपनी सहूलियत के अनुसार से जो मुदा सही लगे उसे उठाते हैं। जब उस मुद्दे की जरूरत समाप्त हो जाए तो उसके बारे में चर्चा करने तक को तैयार नहीं होते। चिराग ने सीएम नीतीश को सहूलियत की राजनीति करने वाला सीएम बताया। वहीं राजद ने जमुई से सांसद और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान को भी इफ्तार पार्टी में आने का निमंत्रण भेजा है।
एक सवाल के जवाब में कि आप और मुकेश सहनी निमंत्रण में जा रहे हैं क्या? जवाब में चिराग ने कहा कि मेरे पिता भी लालू के इफ्तार पार्टी में जाते थें। इफ्तार पार्टी को राजनीति परिपेक्ष से ऊपर उठ कर इन आयोजनों और कार्यक्रम को देखना चाहिए. शाम का निमंत्रण मिला है हमलोग जरूर जाएंगे।
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