बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले पटना की सियासी गलियों में पोस्टर पॉलिटिक्स (Patna Poster War) ने माहौल पूरी तरह गरमा दिया है। जैसे-जैसे मतगणना का दिन करीब आ रहा है, वैसे-वैसे जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के समर्थक अपनी-अपनी राजनीतिक रणनीतियों को सड़कों पर उतार चुके हैं। राजधानी के दोनों प्रमुख दलों के कार्यालयों के बाहर अब दीवारें बयान दे रही हैं — कहीं “टाइगर अभी जिंदा है” का दावा है, तो कहीं “अलविदा चाचा” का व्यंग्य।

पटना के जदयू कार्यालय के बाहर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन में पोस्टरों की बाढ़ आ गई है। पार्टी कार्यकर्ता उन्हें “टाइगर” बताते हुए पोस्टर लगा रहे हैं, जिन पर लिखा है — “टाइगर अभी ज़िंदा है, नीतीश कुमार सबका संरक्षण हैं।” ये संदेश न केवल राजनीतिक आत्मविश्वास का प्रतीक है, बल्कि एनडीए की उस उम्मीद को भी दर्शाता है जो एग्जिट पोल के नतीजों से उत्साहित है।
दूसरी तरफ, राजद कार्यालय के बाहर माहौल बिल्कुल अलग है। वहां लगे पोस्टरों में नीतीश कुमार और गृह मंत्री अमित शाह पर व्यंग्य किया गया है। सबसे चर्चित पोस्टर में लिखा गया है — “अलविदा चाचा! सिंहासन खाली करो कि तेजस्वी सरकार आ रही है।” इस पोस्टर में तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव, लालू प्रसाद यादव और मुलायम सिंह यादव की तस्वीरें हैं, जो विपक्षी एकजुटता का संकेत देती हैं।
तेजस्वी यादव का ऑपरेशन काउंटिंग.. हर सीट पर बनाई रणनीति, एक भी ‘वोट चोरी’ नहीं होगा !
इन पोस्टरों को धर्मवीर यादव के नाम से लगाया गया है, और अब ये पटना की सड़कों पर चर्चा का मुख्य विषय बन चुके हैं। यह केवल राजनीतिक प्रचार नहीं बल्कि जनभावनाओं की नब्ज़ पर रखी गई चाल है, जो राजद की आत्मविश्वास भरी रणनीति को उजागर करती है।






















