पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रथम चरण के नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक हलचल चरम पर पहुंच गई। पिछले 30 वर्षों से यहाँ बीजेपी के नंदकिशोर यादव सात बार विधायक बन चुके हैं, लेकिन इस बार बीजेपी ने उनका टिकट काटकर नया चेहरा रत्नेश कुशवाहा को मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने युवा उम्मीदवार शशांक शेखर को मैदान में उतारा है और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पटना मेयर सितासाहू के बेटे शिशिर कुमार ने पर्चा दाखिल किया।
इस सीट पर तीनों युवा चेहरे चुनावी मैदान में उतरते ही त्रिशंकु विधानसभा का माहौल बन गया है। नामांकन के दौरान समर्थकों और कार्यकर्ताओं की हलचल ने यह साफ कर दिया कि पटना साहिब इस बार न केवल चुनावी नतीजों के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राजनीतिक संकेत देने वाली सीट भी बन चुकी है।
बीजेपी उम्मीदवार रत्नेश कुशवाहा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “पटना साहिब क्षेत्र में हमारी पार्टी की पकड़ मजबूत है। एनडीए प्रचंड बहुमत से इस बार जीत हासिल करेगी। पिछले 50 सालों में यहाँ से लगातार एनडीए के प्रतिनिधि विजयी रहे हैं और इस बार भी जनता हमारी नीतियों और विकास एजेंडे को समर्थन देगी।”
वहीं कांग्रेस के शशांक शेखर ने कहा कि “बीजेपी पुराने चेहरे पर भरोसा खो चुकी है। जनता बदलाव चाहती है और इस बार महागठबंधन भारी मतों से जीत दर्ज करेगा। पटना साहिब के लोग विकास और युवा नेतृत्व को प्राथमिकता देंगे।”
निर्दलीय उम्मीदवार शिशिर कुमार, जो कि पटना मेयर के बेटे हैं, का दावा है कि “मैं जनता के बीच नया विकल्प लेकर आया हूं। युवा और नए दृष्टिकोण के लिए लोग मेरी उम्मीदवारी को पसंद करेंगे। त्रिशंकु विधानसभा में मैं निर्णायक भूमिका निभा सकता हूं।”






















