Upendra Kushwaha Rally: पटना की राजनीति इन दिनों विधानसभा चुनाव से पहले बेहद गरमा गई है। राजधानी के ऐतिहासिक मिलर स्कूल ग्राउंड में राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी महारैली से बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया। हजारों की भीड़ से गूंजते मैदान में उन्होंने न सिर्फ विपक्ष पर हमला बोला बल्कि परिसीमन, युवाओं की समस्याओं और शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार और जनता के सामने अपना एजेंडा भी रखा।
रैली को संबोधित करते हुए कुशवाहा ने इसे “ऐतिहासिक” करार दिया और कहा कि उनकी राजनीति केवल सत्ता पाने तक सीमित नहीं बल्कि मुद्दों पर आधारित है। उन्होंने साफ कहा कि युवाओं और शिक्षा से जुड़े सवालों को लगातार उठाने का नतीजा है कि सरकार अब इस पर गंभीरता से सोच रही है। कुशवाहा ने भरोसा दिलाया कि आने वाले दिनों में युवाओं के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

इस दौरान उन्होंने परिसीमन के मुद्दे को मजबूती से उठाते हुए कांग्रेस पर तीखे सवाल किए। कुशवाहा ने कहा कि अगर देश पर आपातकाल नहीं लगाया गया होता तो बिहार की लोकसभा सीटें आज 60 से ज्यादा होतीं। 1971 के बाद से देश में परिसीमन नहीं हुआ, जबकि अब समय आ गया है कि हिंदी भाषी राज्यों की लोकसभा सीटों में वृद्धि की जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा जताते हुए उन्होंने कहा कि इस बार परिसीमन जरूर होगा और बिहार समेत हिंदी भाषी राज्यों को न्याय मिलेगा।

रैली में कुशवाहा ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि “गंगा किनारे डांस करने से मुख्यमंत्री बनने का सपना पूरा नहीं होगा।” उन्होंने तेजस्वी यादव को सीधे निशाने पर लेते हुए विपक्ष को मुद्दाविहीन बताया और कहा कि वे केवल बयानबाज़ी की राजनीति कर रहे हैं।
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हाल ही के लोकसभा चुनाव में करकट सीट से मिली हार का दर्द भी उनके भाषण में झलकता दिखा। बिना नाम लिए अपने ही गठबंधन के नेताओं पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव में हार की वजह विपक्ष नहीं बल्कि एनडीए के भीतर की सेंधमारी थी। कुशवाहा ने यह भी इशारा किया कि एनडीए के कुछ नेता मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। हालांकि उन्होंने अंत में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एकजुट होकर चुनाव लड़ने और सरकार बनाने की अपील की।






















