राजधानी पटना की सड़कों पर मंगलवार को जो नज़ारा देखने को मिला, वह सिर्फ़ एक राजनीतिक प्रदर्शन नहीं था, बल्कि युवाओं के आक्रोश की एक झलक थी। बिहार युवा कांग्रेस (Patna Yuva Congress Protest) द्वारा आयोजित ‘हल्ला बोल मार्च’ केंद्र सरकार और राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ जोरदार विरोध में तब्दील हो गया। इस विरोध-प्रदर्शन ने तब और तूल पकड़ा जब पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच टकराव की स्थिति बन गई।
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सदाकत आश्रम से मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ते कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने राजापुल के पास बैरिकेडिंग लगाकर रोका। कार्यकर्ता बारिश में भी नारेबाज़ी करते रहे – “वोट चोर गद्दी छोड़” और “अडाणी के दलाल हटाओ” जैसे नारों से राजधानी की सड़कों पर राजनीतिक गूंज सुनाई दी।

स्थिति तब बिगड़ी जब प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग पार करने लगे। पुलिस ने पहले उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं थे। इसके बाद झड़प शुरू हुई और पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए यूथ कांग्रेस के कई नेताओं को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए नेताओं में यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु भी शामिल थे, जिन्हें पुलिसकर्मी हाथों-पांवों से उठाकर गाड़ी तक ले गए।

भीड़ के आक्रोश और पुलिस की सख़्ती के बीच राजधानी की सड़कों पर अफरा-तफरी का माहौल रहा। कई प्रदर्शनकारी पुलिस की गाड़ियों पर चढ़ गए, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। इसके बाद अतिरिक्त सुरक्षा बल बुलाकर स्थिति को नियंत्रित किया गया।
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युवा कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की कीमती ज़मीनों को औने-पौने दाम पर अपने पसंदीदा पूंजीपतियों, खासकर अडाणी समूह को बेच दिया है। संगठन ने यह भी कहा कि सरकार युवाओं की आवाज़ दबाना चाहती है, लेकिन वे सड़कों पर उतरकर इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे।


















