पटना के राजनीतिक माहौल में आज कांग्रेस (Congress) ने नया नैरेटिव खड़ा कर दिया। पार्टी के मीडिया विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने संवाददाता सम्मेलन में बिहार चुनाव के पहले चरण के नतीजों को लेकर बड़ा दावा किया है। खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस के इंटरनल असेसमेंट के मुताबिक पार्टी और महागठबंधन लगभग 72 सीटों पर साफ़ जीत की स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े बूथ-वाइज डाटा और ग्राउंड रिपोर्ट्स पर आधारित हैं। राजद के साथ समन्वय के बाद जो फीडबैक आया है, वो NDA के लिए बेहद चिंताजनक है।
खेड़ा ने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बिहार में जितनी बार आते हैं, NDA की स्थिति उतनी ही कमजोर होती जाती है। उन्होंने कहा, “पहले वोट कम होते थे, अब सीटें कम हो रही हैं। प्रधानमंत्री अब विपक्ष के लिए स्टार प्रचारक बन गए हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि बेरोजगारी इस चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बन चुकी है। नौजवानों में गुस्सा है और हर वर्ग में एंटी-इनकंबेंसी लहर दिखाई दे रही है। साथ ही उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि, “प्रधानमंत्री जब ‘कट्टा-कनपटी’ की बात करते हैं, तो लगता है कि नीतीश कुमार को खुद प्रधानमंत्री से अपनी मुख्यमंत्री कुर्सी बचाने के लिए ‘कट्टा’ लेकर जाना पड़ेगा, क्योंकि बीजेपी अब उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी।”
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पवन खेड़ा ने यह भी आरोप लगाया कि गृह मंत्री जब पटना के होटल में ठहरते हैं तो सीसीटीवी कैमरों पर कागज चिपकाया जाता है। उन्होंने कहा कि यह सवाल उठता है कि आखिर गृह मंत्री किससे छिपकर मिलते हैं? यह सुरक्षा व्यवस्था के साथ खिलवाड़ है और जनता को इसका जवाब मिलना चाहिए।
इसी कार्यक्रम में कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी बिहार सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “BJP-JDU ने बिहार को विकास और उद्योग के नक्शे से मिटा दिया है। जहां कभी चीनी मिल, पेपर मिल, डेयरी और स्टील उद्योगों से बिहार गूंजता था, वहां अब बेरोजगारी और पलायन ही उद्योग बन गया है।” उन्होंने कहा कि मोदी-नीतीश राज ने न सिर्फ कारखाने बंद कराए बल्कि युवाओं के भविष्य और आत्मनिर्भरता की उम्मीदों को भी खत्म कर दिया।
सिंह ने कांग्रेस सरकार के स्वर्णिम औद्योगिक दौर को याद करते हुए कहा कि बरौनी, हटिया, बोकारो और सारण जैसे इलाकों में उद्योग लगने से लाखों परिवारों को रोजगार मिला था। “श्री बाबू जी के समय बिहार ने विकास की उड़ान भरी थी, लेकिन NDA ने उस विरासत को पूरी तरह बर्बाद कर दिया,” उन्होंने कहा।
वहीं, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि पहले चरण के बाद BJP और JDU में अब मुख्यमंत्री की रेस नहीं, बल्कि “विपक्ष के नेता की रेस” चल रही है। उन्होंने आरके सिंह के बयान का हवाला देते हुए कहा कि बिहार में 62 हजार करोड़ रुपये का बिजली घोटाला हुआ है, जिसकी जांच होनी चाहिए।
इसके अलावा तिवारी ने केंद्र सरकार को मिथिला और धार्मिक भावनाओं के अपमान का दोषी बताया। उन्होंने कहा कि जब BJP सरकार ने राज्यसभा में यह कहा था कि “माता सीता के सीतामढ़ी में जन्म लेने का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है,” तो यह न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश की आस्था का अपमान है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से इसके लिए माफी मांगने की मांग की है।






















