Bihar Politics : अररिया के पलासी में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने हजारों की भीड़ के बीच अपने चिर-परिचित अंदाज में जनता को संबोधित करते हुए कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) – सभी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सीधे-सीधे कहा कि अगर फिर से वही लोग सत्ता में आते हैं तो बिहार एक बार फिर “कट्टा, अपहरण और लूटपाट” का अड्डा बन जाएगा।
तेजस्वी यादव के “सूत्र” वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “तेजस्वी जिन शब्दों का प्रयोग करते हैं, वे यह दिखाते हैं कि उनके संस्कार क्या हैं, उनकी संस्कृति क्या है और उनका पृष्ठभूमि क्या है। तेजस्वी से आप इससे बेहतर भाषा की अपेक्षा मत रखिए। ये वही लोग हैं। उन्होंने कहा, “जब इनके पिताजी और माताजी की सरकार बिहार में थी, तब पूरे देश में बिहार की पहचान ‘कट्टा बनाने वाले राज्य’ के रूप में थी। ये लोग अगर फिर से जीत कर आएंगे, तो पूरे बिहार को फिर से कट्टा, अपहरण, लूटपाट का केंद्र बना देंगे।”
प्रशांत किशोर ने आरजेडी और लालू यादव पर हमला बोलते हुए कहा, “जैसे कोई शेर बूढ़ा हो जाए, क्या वह दूध देगा पीने के लिए? नहीं देगा, वह खा जाएगा. ये सब कोरी बातें हैं, बिहार की जनता को बहकाने के लिए. जब सत्ता में आ जाएंगे तो फिर वही रंगदारी, अपराध, अपहरण शुरू कर देंगे।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “राहुल गांधी बिहार के बारे में क्या कहते हैं, इसका अब कोई महत्व नहीं है। जब वे लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के साथ वर्षों तक मंच साझा कर रहे थे, तब बिहार में न तो उन्हें अपराध दिखा, न बेरोज़गारी और न ही पलायन। लेकिन अब जब चुनाव सामने हैं और वोट चाहिए, तो उन्हें बिहार की चिंता सता रही है।”
उन्होंने कहा कि अब नीतीश कुमार नहीं, उनके अगल-बगल के तीन-चार भ्रष्ट अफसर और मंत्री ही सरकार चला रहे हैं। प्रशांत बोले, “जब तक बिहार को कोई सही मुखिया नहीं मिलेगा, तब तक बिहार की स्थिति बिगड़ती ही जाएगी। कानून-व्यवस्था की स्थिति भी हम भविष्यवाणी कर रहे हैं, और बिगड़ने वाली है, क्योंकि हर व्यक्ति सिर्फ और सिर्फ पैसा लूटने में लगा हुआ है।”
प्रशांत किशोर ने जनता को चेताया कि वे केवल वादों और नारों के आधार पर वोट न दें, बल्कि यह समझें कि असल में उनके क्षेत्र की स्थिति क्यों नहीं बदली। उन्होंने कहा कि जन सुराज किसी जाति या पार्टी के आधार पर नहीं, बल्कि नीति और कामकाज के दम पर नई राजनीति की शुरुआत करेगा। सभा में उमड़ी भीड़ और लोगों की उत्साह से स्पष्ट था कि प्रशांत किशोर की जन संवाद यात्रा लोगों के बीच असर छोड़ रही है। अब देखना यह होगा कि उनकी यह रणनीति राजनीतिक समीकरणों को कितना बदल पाती है।