बिहार की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है। इस बार केंद्र में हैं राजद विधायक रीतलाल यादव, जिनके घर पर 1500 से अधिक पुलिसकर्मियों की छापेमारी ने पूरे राज्य की सियासत में हलचल मचा दी है। लेकिन असली बम तब फूटा, जब खुद रीतलाल यादव की पत्नी ने मीडिया के सामने आकर दावा किया कि — “यह छापेमारी नहीं, सोची-समझी साजिश थी। मेरे पति का एनकाउंटर करने का प्लान था!”
‘1500 जवान, पर आतंकवादी नहीं मेरा पति’
विधायक की पत्नी ने गुस्से में कहा कि “आखिर क्या वजह थी कि एक साथ 1500 पुलिसवाले भेजे गए? क्या मेरे पति आतंकवादी हैं? वो एक जनप्रतिनिधि हैं, विधायक हैं!” उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने पहले से ही तय कर लिया था कि रीतलाल यादव को मार देना है, लेकिन संयोगवश वह घर पर मौजूद नहीं थे और उनका प्लान फेल हो गया।
तीन महीने से चल रही थी ‘खामोश तैयारी’?
विधायक की पत्नी ने चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि पिछले तीन महीने से STF इलाके में घूम रही थी। यह सब पहले से तय किया गया था कि एनकाउंटर के बाद कह दिया जाएगा कि दूसरी ओर से गोली चली थी। इस आरोप ने न सिर्फ पुलिस पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि चुनाव से पहले राजनीतिक बदले की थ्योरी को भी हवा दे दी है।
“दानापुर सीट खाली कराना चाहते हैं!”
सत्ता के गलियारों में उठ रहे इस बवंडर का सबसे सनसनीखेज पहलू यह रहा कि रीतलाल की पत्नी ने इस कार्रवाई को सीधे चुनाव से जोड़ दिया।
उनका कहना था कि चुनाव आ रहे हैं, और रीतलाल को रास्ते से हटाना है ताकि दानापुर की सीट खाली हो जाए। यह एक शुद्ध राजनीतिक हत्या की साजिश है।
छापेमारी या फिल्मी ड्रामा? – घर में ‘रेड’ जैसी तोड़फोड़
विधायक के घर हुई छापेमारी को लेकर भी उन्होंने आक्रोश जताया। पैसों की तलाश में पूरे घर की तोड़फोड़ की गई जैसे कोई फिल्मी रेड चल रही हो। उन्होंने साफ किया कि 3.20 लाख रुपये जो जब्त हुए, वो उनकी बेटी की शादी में मिले गिफ्ट के पैसे थे। एक और बड़ा दावा उन्होंने यह किया कि “जो लोग कह रहे हैं कि वहां AK-47 बरामद हुई है, वो पूरी तरह झूठ बोल रहे हैं। पुलिस को कोई हथियार नहीं मिला। क्योंकि उनकी मंशा कुछ बरामद करने की नहीं थी, सिर्फ मेरे पति को मारना था।”