प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (28 सितंबर) को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ (PM Modi Mann Ki Baat) के 126वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित करते हुए छठ महापर्व को लेकर एक ऐतिहासिक पहल की घोषणा की। नवरात्रि के पावन अवसर पर बोलते हुए पीएम मोदी ने बंगाल की दुर्गा पूजा का उदाहरण दिया और बताया कि किस तरह भारत सरकार के प्रयासों से यह त्योहार यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (UNESCO Intangible Cultural Heritage) की सूची में शामिल हुआ। इसी क्रम में उन्होंने खुलासा किया कि केंद्र सरकार छठ पूजा को भी यूनिस्को की सूची में शामिल कराने के लिए काम कर रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि जब छठ पूजा इस सूची में शामिल हो जाएगी, तो इसकी दिव्यता और आस्था का संदेश पूरी दुनिया तक पहुंचेगा। उन्होंने बताया कि यह पर्व सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि अब विश्वभर में भारतीय समुदाय के बीच इसे धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार में सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करने और छठी मईया की पूजा करने की परंपरा है, जो भारतीय संस्कृति की विशिष्टता और प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक है।
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प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हमारे त्योहार हमारी सभ्यता और परंपराओं को जीवंत रखते हैं। दिवाली के तुरंत बाद आने वाला यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि इसमें प्रकृति, पारिवारिक सामंजस्य और सामाजिक एकता की गहरी झलक दिखाई देती है।
पटना में भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने इस पहल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बिहार और पूर्वांचल के लोगों के लिए गौरव का क्षण है। उन्होंने कहा कि छठ पर्व को विश्व स्तर पर मान्यता दिलाने के लिए प्रधानमंत्री का प्रयास हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है। वहीं, बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में बिहारवासियों के दिल को छू लिया है। उन्होंने भरोसा जताया कि जिस तरह दुर्गा पूजा को यूनेस्को की मान्यता मिली, उसी तरह छठ महापर्व भी जल्द वैश्विक धरोहर की सूची में दर्ज होगा।






















