नई दिल्ली : आज से प्राचीन धार्मिक यात्राओं, कैलाश मानसरोवर और अमरनाथ यात्रा की शुरुआत हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में इन यात्राओं के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं और सेवा भाव से इन यात्राओं को सफल बनाने वाले लोगों की सराहना की। कैलाश मानसरोवर और अमरनाथ यात्रा का आध्यात्मिक महत्व पीएमओ इंडिया द्वारा जारी पोस्ट में कैलाश मानसरोवर को हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए पवित्र स्थल के रूप में वर्णित किया गया है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु इस यात्रा को आत्मिक शांति के लिए चुनते हैं।
दूसरी ओर, अमरनाथ यात्रा आज से शुरू हो रही है और 9 अगस्त 2025 तक चलेगी। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के अनुसार, 2000 से अब तक 40 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने इस पवित्र गुफा का दर्शन किया है, जो हिंदू संस्कृति में पुनर्जनन का प्रतीक मानी जाती है।
‘निष्काम कर्म’ का दर्शन प्रधानमंत्री ने सेवा भाव पर जोर देते हुए कहा कि ये यात्राएं तभी सफल होती हैं जब लोग बिना किसी स्वार्थ के इसमें योगदान दें। यह दृष्टिकोण भगवद्गिता के ‘निष्काम कर्म’ सिद्धांत से प्रेरित है, जिसे 2018 में जर्नल ऑफ इंडियन फिलॉसफी में प्रकाशित एक अध्ययन ने भारतीय नेतृत्व प्रभावशीलता से जोड़ा है। पीएम मोदी का यह संदेश न केवल आध्यात्मिक बल्कि सामाजिक एकता को बढ़ावा देने वाला भी है।
हिमालय की रक्षा का आह्वान हालांकि, इन यात्राओं के साथ पर्यावरणीय चुनौतियां भी उभर रही हैं। भारतीय पर्यावरण संरक्षण जर्नल (2023) की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमरनाथ यात्रा क्षेत्र में प्लास्टिक कचरे में वार्षिक 15% की वृद्धि हुई है, जो हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा बन रहा है। इस संदर्भ में प्लास्टिक के उपयोग पर सख्त प्रतिबंध लागू किया गया है, और यात्रियों से अपील की गई है कि वे प्रदूषण से बचें। विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्र में माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण स्थानीय पारिस्थितिकी और मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकता है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय ने लिपुलेख पास (उत्तराखंड) और नाथू ला पास (सिक्किम) के दो मार्गों की व्यवस्था की है। वहीं, अमरनाथ यात्रा के लिए अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाणपत्र और आरएफआईडी काउंटर की जानकारी जल्द ही अपडेट की जाएगी। तीर्थयात्रियों के लिए टेंटेड आवास और अन्य सुविधाओं की जानकारी भी शीघ्र जारी होगी। जनता की प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर पीएम के संदेश को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आई हैं। उपयोगकर्ताओं ने ‘हर हर महादेव’ के नारे लगाए, वहीं कुछ ने भीड़ प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देने की मांग की है। इसलिए, इन पवित्र यात्राओं के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी भी सभी पर है, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इस आध्यात्मिक धरोहर का आनंद ले सकें।