नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ (विक्सित कृषि संकल्प अभियान) के शुभारंभ पर एक वीडियो संदेश में भारत की कृषि को आधुनिक बनाने और मजबूत करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। इस अभियान का उद्देश्य किसानों को उनकी उपज के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करना, कृषि अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना, और देश की आवश्यकताओं के अनुसार फसलों का उत्पादन करना है, ताकि भारत न केवल अपनी बल्कि विश्व की खाद्य आवश्यकताओं को भी पूरा कर सके।
प्रधानमंत्री ने कहा, “विकसित भारत के लिए भारत की कृषि को भी विकसित होना होगा।” उन्होंने पिछले 10-11 वर्षों में सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का उल्लेख किया, जिसमें फसलों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करना, जलवायु परिवर्तन से निपटना, कम पानी में अधिक फसलें उगाना, मिट्टी को हानिकारक रसायनों से बचाना, और कृषि को आधुनिक बनाना शामिल है।
इस अभियान के तहत, किसानों को जागरूक करने और उन्हें आधुनिक तकनीकों से जोड़ने पर जोर दिया जा रहा है। मोदी ने जोर दिया कि भारत को विश्व के खाद्य बास्केट के रूप में उभरना चाहिए, और इसके लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी को खेतों तक पहुंचाना आवश्यक है।
यह पहल ऐसे समय में आ रही है जब भारत की कृषि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बुरी तरह प्रभावित हो रही है। एक हालिया अध्ययन, जो साइंसडायरेक्ट में प्रकाशित हुआ, ने किसानों की जलवायु परिवर्तन के प्रति धारणा और अनुकूलन पर ध्यान केंद्रित किया, यह सुझाव देते हुए कि बड़े पैमाने पर निवेश और किसानों की क्षमता निर्माण की आवश्यकता है।
इससे पहले, 2020 के कृषि बिलों ने बाजार पहुंच को liberalize करने का प्रयास किया था, लेकिन किसानों और राजनीतिक दलों के विरोध का सामना करना पड़ा था। इस पृष्ठभूमि में, ‘विक्सित कृषि संकल्प अभियान’ पारंपरिक प्रथाओं और नवाचारों के बीच संतुलन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो खाद्य सुरक्षा और किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।