प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi Mann Ki Baat) ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 127वें एपिसोड के माध्यम से देशवासियों को संबोधित करते हुए छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि छठ पर्व केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक एकता, पर्यावरण प्रेम और सामाजिक समरसता का जीवंत प्रतीक है। पीएम मोदी ने कहा कि “छठ के घाटों पर समाज का हर वर्ग एक साथ आता है। यह दृश्य भारत की सामाजिक एकता का सबसे सुंदर उदाहरण है।”
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि छठ पर्व भारत के जनजीवन में संस्कृति, प्रकृति और समाज की गहरी एकता को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि दिवाली के बाद छठ का महापर्व पूरे देश में उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। हर गली, मोहल्ले और घाट पर तैयारियां जोरों पर हैं — महिलाएं व्रत की तैयारी में जुटी हैं, घरों में ठेकुआ बन रहे हैं और बाजारों में श्रद्धा व रौनक का संगम दिखाई दे रहा है।
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पीएम मोदी ने कहा, “छठ का व्रत रखने वाली माताएं और बहनें जिस निष्ठा और समर्पण से पूजा की तैयारी करती हैं, वह प्रेरणादायक है। यह पर्व समाज को एक सूत्र में पिरोने का कार्य करता है और लोगों में आत्मीयता का भाव जगाता है।” उन्होंने छठ मैया को नमन करते हुए देशवासियों से अपील की कि “जो भी लोग भारत या विदेश में हों, उन्हें एक बार जरूर छठ उत्सव का अनुभव लेना चाहिए, क्योंकि यह पर्व भारत की सामाजिक एकता और आध्यात्मिक संस्कृति का सबसे उज्ज्वल प्रतीक है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर देशवासियों को एक विशेष पत्र लिखने का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने वर्ष 2025 में देश की प्रगति और उपलब्धियों का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा कि इस पत्र के जवाब में देशभर से लोगों के संदेश मिले हैं, जिनमें लोगों ने अपनी उपलब्धियां और देश के विकास में योगदान साझा किया है। पीएम ने कहा कि यह संवाद भारत की लोकतांत्रिक परंपरा की सबसे बड़ी ताकत है — जनता से जुड़ाव और साझेदारी की भावना।
मन की बात के इस एपिसोड में पीएम मोदी ने त्योहारों के जरिए भारत की संस्कृति, परंपरा और एकता की भावना को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत का हर पर्व केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने और सामूहिकता को सशक्त करने का माध्यम है। छठ पर्व इसी भावना का श्रेष्ठ उदाहरण है, जहां नदी, सूर्य और मानवता तीनों का संगम होता है।






















