नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना की। एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के कई दशकों बाद देश को जहां एक नई संसद भवन की सौगात मिली, वहीं ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए 30,000 नए पंचायत भवनों का भी निर्माण किया गया है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि पंचायतों को पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता रही है। उन्होंने बताया कि पिछले 10 सालों में पंचायतों को 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का फंड दिया गया है, जिसका उपयोग गांवों के विकास कार्यों में किया गया है। यह राशि ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, स्वच्छता, और अन्य विकास परियोजनाओं के लिए खर्च की गई है।
मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि यह कदम 73वें संवैधानिक संशोधन (1992) के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य पंचायतों को सशक्त बनाना और स्थानीय स्वशासन को मजबूत करना है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि संसाधनों की कमी और स्थानीय कर प्रणाली में सुधार जैसे मुद्दे अभी भी पंचायती राज व्यवस्था के सामने चुनौती बने हुए हैं।
इसके साथ ही, केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत 2021-22 से 2025-26 तक पंचायतों को जल और स्वच्छता के लिए 1.42 लाख करोड़ रुपये का अनुदान भी प्रदान किया है, जिससे ग्रामीण भारत में बुनियादी सुविधाओं को और बेहतर करने में मदद मिली है।
यह कदम ग्रामीण विकास और स्थानीय प्रशासन को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है, जो भारत के संघीय ढांचे को और मजबूत करने में योगदान देगा।