नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस साल अपने 100 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है। इसी बीच, रविवार (30 मार्च) को संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नागपुर पहुंचे। उन्होंने डॉ. हेडगेवार और आरएसएस के पूर्व प्रमुख एमएस गोलवलकर को श्रद्धांजलि दी। खास बात यह है कि मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो अपने कार्यकाल के दौरान संघ मुख्यालय गए। इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी 2007 में गोलवलकर शताब्दी समारोह के लिए वहां गए थे, लेकिन तब वे पीएम नहीं थे। मोदी का यह दौरा इसलिए भी खास है, क्योंकि प्रधानमंत्री बनने के बाद पिछले एक दशक से ज्यादा समय में यह उनकी पहली नागपुर मुख्यालय यात्रा है।
इससे पहले वे 2013 में, गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए वहां गए थे। 2014 में लोकसभा चुनाव जीतने और पीएम बनने के बाद अब 2025 में वे पहली बार संघ के गढ़ में पहुंचे। हालांकि, इस दौरान वे कई मौकों पर संघ नेताओं के साथ मंच साझा करते रहे हैं, जैसे पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मोहन भागवत के साथ उनकी मौजूदगी। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और आरएसएस के रिश्तों में तनाव की खबरें सुर्खियों में थीं। उस वक्त भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक इंटरव्यू में कहा था, “शुरुआत में हमें आरएसएस की जरूरत थी, लेकिन अब हम सक्षम हैं और खुद को संभाल सकते हैं।” पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्वयंसेवकों का भाजपा से मोहभंग हुआ था, जिसने 2024 के चुनाव को 2014 और 2019 से अलग बनाया।
अब मोदी का यह दौरा दोनों के बीच दूरी कम करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। रविवार को नागपुर में पीएम मोदी के साथ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, पूर्व महासचिव सुरेश भैयाजी जोशी, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़णवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मौजूद थे। मोदी ने स्मारकों पर पुष्पांजलि अर्पित की और एक नेत्र अस्पताल की आधारशिला रखी। अपने संदेश में उन्होंने कहा, “डॉ. हेडगेवार और गुरुजी का स्मारक उन लाखों स्वयंसेवकों के लिए प्रेरणा है, जिन्होंने देश सेवा को जीवन का लक्ष्य बनाया। स्मृति मंदिर में आकर मैं अभिभूत हूं।”
हाल के दिनों में मोदी ने संघ की जमकर तारीफ भी की है।
फरवरी में मराठी साहित्य सम्मेलन में उन्होंने आरएसएस को ‘वट वृक्ष’ करार देते हुए कहा था कि इसने उन्हें और लाखों लोगों को देश के लिए जीने की प्रेरणा दी। इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ बातचीत में भी उन्होंने संघ के प्रभाव को याद किया। मोदी ने कहा, “पिछले 100 सालों से आरएसएस ने समर्पण के साथ काम किया है। मुझे इस संगठन से जीवन के संस्कार और मकसद मिला। इसे समझना आसान नहीं है, इसके काम की गहराई को देखना होगा।” इस दौरे को भाजपा-आरएसएस संबंधों में नई गर्मजोशी लाने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।