श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में जल संसाधनों को लेकर एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट को पुनः शुरू करने के प्रस्ताव पर पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस प्रस्ताव को “गंभीर रूप से गैर-जिम्मेदाराना” और “खतरनाक रूप से उकसाने वाला” बताया है।
महबूबा मुफ्ती का विरोध :
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ऐसे समय में जब भारत और पाकिस्तान हालिया तनाव के बाद शांति की ओर बढ़ रहे हैं, इस तरह के बयान स्थिति को और बिगाड़ सकते हैं। उन्होंने जल संसाधनों का राजनीतिक हथियार के रूप में उपयोग करने को “अमानवीय” करार दिया और चेतावनी दी कि इससे यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठ सकता है, जो कि भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मामला होना चाहिए ।
उमर अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया :
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य सस्ती लोकप्रियता हासिल करना और सीमा पार के लोगों को खुश करना है। उन्होंने कहा, “आपकी सस्ती लोकप्रियता की भूख और सीमा पार के लोगों को खुश करने की कोशिश में आप यह स्वीकार करने से इनकार करती हैं कि सिंधु जल संधि जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों के खिलाफ एक ऐतिहासिक विश्वासघात रही है” ।
तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट :
तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट, जिसे वुलर बैराज के नाम से भी जाना जाता है, 1980 के दशक में शुरू किया गया था लेकिन पाकिस्तान के विरोध के कारण इसे रोक दिया गया था। यह परियोजना झेलम नदी पर स्थित है और इसका उद्देश्य जल परिवहन और बिजली उत्पादन को बढ़ावा देना है। हाल ही में भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद उमर अब्दुल्ला ने इस परियोजना को पुनः शुरू करने का सुझाव दिया था।