कोलकाता: आनेवाले विधानसभा चुनाव को लेकर बंगाल की सीटों में असदउद्दीन ओवैसी भी अपनी दावेदारी पेश करने की कवायद में जुट गए है। ओवैसी की इस हलचल से ममता बनर्जी के वोट बैंक में सेंधमारी हो सकती है। वहीं इसे लेकर AIMIM के नेता मोहम्मद इमरान सोलंकी ने कहा, ‘बंगाल में हमारे पास करीब 3 लाख सदस्य हैं और सिर्फ मालदा और मुर्शीदाबाद से ही 2023 के पंचायत चुनाव में करीब 1.5 लाख वोट हासिल किए थे।’ वही बताया जा रहा कि सांसद असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली पार्टी 100 प्रतिशत सीटों पर बंगाल का अगला विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। हालांकि, AIMIM साल 2021 के विधानसभा चुनाव में भी मैदान में थी, लेकिन असर छोड़ने में नाकाम रही थी।
AIMIM यानी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन की नजरें अब पश्चिम बंगाल पर हैं। AIMIM के नेता मोहम्मद इमरान सोलंकी ने कहा, ‘बंगाल में हमारे पास करीब 3 लाख सदस्य हैं और सिर्फ मालदा और मुर्शीदाबाद से ही 2023 के पंचायत चुनाव में करीब 1.5 लाख वोट हासिल किए थे।’ उन्होंने 2021 विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर कहा कि इस बार स्थिति अलग होने वाली है। उन्होंने कहा, ‘हम शांति से 4 साल से जमीन पर काम कर रहे हैं। आगामी विधानसभा चुनावों में हम सभी सीटों पर उम्मीदवारों को उतारना चाहते हैं और ब्लॉक लेवल पर काम करना शुरू कर दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘ममता बनर्जी हिन्दू पहचान रख रही हैं, भाजपा अलग ही खेल खेल रही है, लेकिन हार सिर्फ जनता रही है।
मतदाताओं को विकल्प की जरूरत है। उत्तर बंगाल और मालदा में हमारा जनाधार मजबूत है।’ रिपोर्ट के अनुसार, AIMIM जिलों में घर-घर जाकर सदस्यता अभियान चला रही है। साथ ही जिलों में इफ्तार पार्टी का आयोजन भी किया जा रहा है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि चुनाव से पहले ईद के बाद ओवैसी पश्चिम बंगाल का दौरा कर सकते हैं और रैलियों में शामिल हो सकते हैं। आंकड़े बता रहे हैं कि बंगाल की आबादी में 27 फीसदी मुस्लिम हैं। 2021 में पार्टी ने मालदा, मुर्शीदाबाद और उत्तर दिनाजपुर जिलों में अपने 7 उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि, AIMIM तब खास प्रदर्शन नहीं कर सकी थी। राज्य में कुल 294 विधानसभा सीटें हैं। 2021 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई में तृणमूल कांग्रेस ने 213 सीटें जीती थीं।