बिहार की राजनीति में सस्पेंस और ड्रामा चरम पर है। एक तरफ जदयू के नेता सुबह से लेकर रात तक तेजस्वी यादव को भ्रष्टाचारी, घोटालेबाज और जंगलराज का प्रतीक बताने में जुटे हैं, तो दूसरी तरफ राजद के कुछ नेता अभी भी नीतीश कुमार को महागठबंधन में वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं। सवाल यह है कि नीतीश कुमार सत्ता के इस दांव-पेंच में किस ओर जाएंगे?
बिहार में सियासी घमासान: जदयू का तेजस्वी पर प्रहार, “15 साल में लूट का साम्राज्य खड़ा किया”
नीतीश को लेकर RJD की दोहरी रणनीति?
राजद नेता और विधायक भाई वीरेंद्र ने फिर से नीतीश कुमार को खुला ऑफर दे दिया है। उनका कहना है कि “नीतीश जी, हम और हमारे नेता आपको सचेत कर रहे हैं। आपकी ही पार्टी में कुछ लोग आपके खिलाफ साजिश रच रहे हैं। वे आपको एकनाथ शिंदे की तरह राजनीतिक तौर पर खत्म करना चाहते हैं। सतर्क रहिए, फैसला लीजिए!”
राजद नेताओं का यह बयान ऐसे समय में आया है जब जदयू के कई नेता लगातार तेजस्वी यादव पर हमलावर हैं। सवाल उठता है कि जब जदयू के नेता राजद के सर्वमान्य नेता तेजस्वी यादव को पानी पी पीकर कोस रहे हैं, तो फिर RJD के नेता नीतीश कुमार को क्यों बुला रहे हैं?
क्या फिर साथ आएंगे लालू और नीतीश?
जब भाई वीरेंद्र से पूछा गया कि क्या 2015 जैसी स्थिति फिर बनेगी, जहां लालू और नीतीश साथ आए थे, तो उन्होंने चौंकाने वाला जवाब दिया। उन्होंने कहा कि “हम लोग समाजवादी विचारधारा के हैं, सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ने वाले लोग हैं। अगर नीतीश जी आते हैं, तो हमारे नेता विचार करेंगे। लेकिन अंतिम फैसला उन्हें ही लेना होगा।” इस बयान से साफ है कि राजद अभी भी नीतीश के लिए दरवाजे खुले रखे हुए है। हालांकि, यह तय नहीं है कि नीतीश कुमार इस ऑफर को गंभीरता से लेंगे या नहीं।
क्या तेजस्वी को टक्कर देंगे निशांत?
इस पूरे सियासी घमासान के बीच नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को लेकर भी चर्चा गर्म है। जब पूछा गया कि क्या निशांत राजनीति में आएंगे? तो भाई वीरेंद्र ने कहा कि “यह तो सिर्फ नीतीश जी ही बताएंगे। अभी इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी।” हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि अगर निशांत राजनीति में आए तो क्या तेजस्वी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे, तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में जवाब दिया कि “अरे छोड़िए इन बातों को। यह वैसा ही सवाल है जैसे शादी के बाद पूछा जाए कि बेटा होगा या बेटी। वक्त आने दीजिए, सब पता चल जाएगा।”