सुप्रीम कोर्ट सोमवार को उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, जो बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ राजनीतिक दलों और अन्य लोगों ने दाखिल की हैं.दरअसल चुनाव आयोग ने 24 जून को बिहार की मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण कराने का आदेश दिया था. इस आदेश पर आपत्ति जताते हुए राजद (RJD), AIMIM और अन्य ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
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न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी. चुनाव आयोग का कहना है कि मसौदा मतदाता सूची में शामिल 7.24 करोड़ मतदाताओं में से 99.5% लोगों ने अपनी पात्रता से जुड़े दस्तावेज जमा कर दिए हैं. इधर, बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखें भले अभी घोषित न हुई हों, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बक्सर जिले की राजपुर (सुरक्षित) सीट पर एनडीए उम्मीदवार का नाम पहले ही बता दिया है. एक सभा में उन्होंने पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला को उम्मीदवार घोषित किया और जनता से उनके पक्ष में वोट देने की अपील की. अब इस कदम को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि यह नीतीश का बड़ा खेल है या फिर राजनीतिक मजबूरी.
वहीं, बिहार की राजनीति में एक नया विवाद भी खड़ा हो गया है. राजद के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव ने तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की. उनके इस बयान से सियासत गर्मा गई है. राजद नेताओं ने कड़ी नाराजगी जताई और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. तेजस्वी के बड़े भाई और पूर्व राजद नेता तेज प्रताप यादव ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि राजबल्लभ यादव अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं, इसलिए उन्हें पहले ही राजद से बाहर कर दिया गया था. तेज प्रताप ने कहा कि महिलाओं पर इस तरह की टिप्पणी करना अपराध है और इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.






















