बिहार में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है और इसके साथ ही नेताओं के दौरे, बयानबाजी और राजनीतिक तकरार भी चरम पर पहुंच गई है। बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने दो दिवसीय बिहार दौरे में पटना और गोपालगंज से चुनावी हुंकार भरी। इस दौरे ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। विपक्षी खेमे से तेजस्वी यादव ने उन पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया, तो जदयू नेता ललन सिंह ने करारा जवाब देकर नया सियासी मोर्चा खोल दिया।
“राजा हरिश्चंद्र” और राजनीतिक तंजों की बारिश
पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान जब जदयू अध्यक्ष ललन सिंह से अमित शाह के बयान को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा, “सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र के बाद तेजस्वी यादव का ही स्थान आता है। वे खुद को महान समझते रहें और अपनी पीठ थपथपाते रहें, लेकिन बिहार की जनता तय करेगी कि उनका असली स्थान क्या है।” ललन सिंह ने दावा किया कि एनडीए पूरी मजबूती से एकजुट है और आगामी चुनाव में एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनाएगा।
अमित शाह के बयान पर लालू यादव का तंज
अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि अगले पांच साल में बिहार की बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान कर दिया जाएगा। इस पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू यादव ने कटाक्ष करते हुए सवाल किया, “पिछले बीस साल से बाढ़ को आमंत्रण दे रहे थे क्या?” लालू यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि अगर उन्हें मौका मिला, तो बाढ़ नियंत्रण का काम करके दिखाएंगे।
अब बिहार की बारी मोदी की!
अमित शाह के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार का रुख करने वाले हैं। 24 अप्रैल को मधुबनी में उनकी जनसभा प्रस्तावित है, जहां राष्ट्रीय पंचायत दिवस के मौके पर पूरे बिहार से पंचायत प्रतिनिधि जुटेंगे। इस दौरान पीएम मोदी बिहार को हजारों करोड़ की सौगात भी देंगे।
बिहार में गर्म होती चुनावी जंग
बिहार की राजनीतिक फिजा अब पूरी तरह चुनावी रंग में रंग चुकी है। एक ओर बीजेपी और एनडीए अपनी उपलब्धियां गिना रही है, तो दूसरी ओर राजद और विपक्षी दल सत्ताधारी गठबंधन को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। अमित शाह के दौरे और उनके बयानों ने चुनावी माहौल को और गरमा दिया है। अब सबकी निगाहें 24 अप्रैल को पीएम मोदी की सभा पर टिकी हैं।