केंद्र की मोदी सरकार ने फैसला लिया है कि वह देश में जाति जनगणना कराएगी। कल बुधवार (30 अप्रैल) को हुई कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि, 1947 के बाद से जाति जनगणना नहीं हुई है। कांग्रेस ने जाति जनगणना की जगह जाति सर्वे कराया। कैबिनेट के फैसले पर बिहार में नेताओं के बीच क्रेडिट लेने की होड़ मची है। राजद और कांग्रेस की ओर से पटना में पोस्टर तक लगा दिए गये हैं। राजद ने लालू-तेजस्वी को इसका श्रेय दिया है तो कांग्रेस ने राहुल गांधी को।
इधर, कांग्रेस और लालू-तेजस्वी के दावे पर बीजेपी के दोनों डिप्टी सीएम ने जोरदार हमला बोला है। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि पीएम मोदी ने देश के सपनों को साकार करने के लिए जाति जनगणना का फैसला लिया है। बिहार सरकार के सभी प्रभारी मंत्री जो बीजेपी के कोटे के हैं वह सभी जिलों में जाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और जनता को बताएंगे। पीएम मोदी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सपने को साकार किया है।
जातीय जनगणना के लिए लालू-तेजस्वी को बधाई.. पटना में लग गये बड़े-बड़े पोस्टर
उन्होंने कहा कि बिहार के विकास में हम क्या योगदान कर सकते हैं हमारे मंत्री लगातार इसकी समीक्षा कर रहे हैं। जाति जनगणना के लिए उसको क्या क्रेडिट दिया जाए जिसके पास चार सांसद हैं। लालू प्रसाद यादव बताएं 10 साल में कांग्रेस के साथ सरकार में रहे और 1995-96 जातीय गणना का प्रस्ताव पारित किया गया लेकिन आज तक इसे लागू नहीं किया गया था इसके लिए अपराधी कौन है। कांग्रेस और राजद के लोग सिर्फ हल्ला कर सकते हैं।
पप्पू यादव ने जाति जनगणना का पूरा क्रेडिट राहुल गांधी को दे दिया.. कहा- मोदी को झुकना पड़ा
वहीं उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि राजद का राजनीतिक तोता उड़ गया है। पीएम मोदी के जातीय जनगणना कराए जाने का निर्णय का स्वागत है। आने वाले पीढ़ियों के उत्थान के लिए पीएम मोदी ने यह निर्णय लिया है। इस निर्णय से विकास की गति बढ़ेगी और परिवारवाद की जमींदारी करने वालों का जमीन खिसक जाएगी। ये लोग ज्यादा दिन राजनीति नहीं कर पाएंगे। तेजस्वी यादव जैसे लोग सिर्फ भोकाल बनाते हैं, इनका करनी धरनी कुछ नहीं है। राहुल गांधी लंबे समय समय तक जब सत्ता में थे तब उन्होंने जाति जनगणना क्यों नहीं कराई?