बिहार में इन दिनों राजनीतिक उथल पुथल का मंज़र बनता नज़र आ रहा है। नेताओं के एक छोटे से कदम पर सियासी गर्मी बढ़ जाती है। आज गुरुवार 25 जनवरी को राजधानी पटना में सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक मात्र 15 मिनट में हीं ख़त्म हो गयी। बैठक में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और अशोक चौधरी भी मौजूद रहे। कैबिनेट हॉल में नीतीश ने सिर्फ 15 मिनट की बैठक की, मीडिया ब्रीफिंग के इंतज़ार में बैठे मंत्री और नेतागण अपना नाश्ता भी ख़त्म नहीं कर पाए थे कि अपरिहार्य कारणों का हवाला देकर मीडिया ब्रीफिंग को रद्द कर दिया गया। उपमुख्यमंत्री को तो कुछ बोलने तक का मौका नहीं मिला। नीतीश जहाँ लिफ्ट से नीचे आए ,वहीँ तेजस्वी सीढियों से नीचे उतरे। तेजस्वी यहाँ भी अपने मुख्यमंत्री का इंतजार करते नज़र आए, लेकिन नीतीश केवल हाँथ जोड़कर बिना कुछ बोले आगे निकल गए।
इसके बाद बिहार के सियासी गलियारों में चर्चाएँ भी तेज़ हो गयी हैं। कैबिनेट सूत्रों के हवाले से पता चला है कि विधान मंडल से जुड़े एजेंडों के कारण मीडिया ब्रीफिंग रद्द कर दी गयी। प्रदेश की राजनीती के इतिहास में संभवतः ये सबसे कम समय की कैबिनेट मीटिंग है।
कैबिनेट मीटिंग में तीन प्रस्तावों पर मुहर लगी है जो निम्नलिखित है-
- गणतंत्र दिवस पर राज्यपाल का अभिभाषण
- बिहार सरकार के 2023-24 बजट के थर्ड सप्लीमेंट्री बजट को मंजूरी
- बिहार सरकार का आम बजट 2024 -25